शोधित जल को समुद्र में छोड़ने से पहले कोरियाई विशेषज्ञों ने फुकुशिमा परमाणु संयंत्र का किया दौरा

शोधित जल को समुद्र में छोड़ने से पहले कोरियाई विशेषज्ञों ने फुकुशिमा परमाणु संयंत्र का किया दौरा

टोक्यो। दक्षिण कोरिया के सरकारी विशेषज्ञों की एक टीम ने सुनामी से तबाह हुए फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र का दो-दिवसीय निरीक्षण कार्य मंगलवार से शुरू कर दिया, ताकि शोधित जल को समुद्र में छोड़ने की जापान की विवादास्पद योजना का अध्ययन किया जा सके। 

जापानी अधिकारियों ने कहा कि 21-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को जापान सरकार के अधिकारियों और संयंत्र संचालक टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी होल्डिंग्स द्वारा शोधन, सुरक्षा जांच, परिवहन और पानी के विलयन की प्रक्रिया से संबंधित कई सुविधाएं दिखाई जाएंगी। 

जापान की इस योजना का स्थानीय मछुआरा समुदायों ने विरोध किया है। दक्षिण कोरिया, चीन और प्रशांत-द्वीपीय देशों सहित पड़ोसी देशों ने भी इस योजना को लेकर सुरक्षा संबंधी चिंता व्यक्त की है। ग्यारह मार्च, 2011 को एक बड़े भूकंप और सुनामी से फुकुशिमा दाइची संयंत्र की शीतलन प्रणाली नष्ट हो गई थी, जिससे तीन रिएक्टर पिघल गए और बड़ी मात्रा में विकिरण हुआ। 

शीतलन के लिए इस्तेमाल किया गया पानी संयंत्र के लगभग 1,000 टैंक में जमा हो गया है, जो 2024 की शुरुआत में पूर्ण क्षमता तक पहुंच जाएगा। जापानी अधिकारियों का कहना है कि किसी अन्य आपदा की स्थिति में आकस्मिक रिसाव को रोकने के लिए इन टैंक में जमा पानी को हटाने की आवश्यकता है। 

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