बरेली: आवारा कुत्ते मुसीबत... मुफ्त वैक्सीन भेजी पालतू कुत्तों के लिए

पशुपालन विभाग को शासन से मिलीं छह हजार डोज, अभी अगली खेप आनी बाकी

बरेली: आवारा कुत्ते मुसीबत... मुफ्त वैक्सीन भेजी पालतू कुत्तों के लिए

बरेली, अमृत विचार। शहर से देहात तक आवारा कुत्ते लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। राह चलते लोगों पर इन कुत्तों के हमले रोज की बात हैं। कई बच्चों की जान भी ले चुके हैं लेकिन आवारा कुत्तों को नजरंदाज कर शासनस्तर पर पालतू कुत्तों के वैक्सीनेशन की योजना बनाई गई है। पशुपालन विभाग को शासन ने पालतू कुत्तों के लिए एंटी रैबीज वैक्सीन की छह हजार डोज भेजी हैं।

पशुपालन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक शासन से मिली एआरवी की डोज जिले भर के पशु चिकित्सालयों में भेजी जा रही हैं, जहां पालतू कुत्तों का वैक्सीनेशन किया जाएगा। अभी शासन से और डोज मिलने की भी संभावना है। वैक्सीनेशन से पहले कुत्तों का पंजीकरण किया जाएगा। वैक्सीन लगने के बाद एक साल तक कुत्ते के काटने से किसी को रैबीज नहीं होगा। पशुपालन विभाग के अपर निदेशक ललित वर्मा के मुताबिक आवारा कुत्तों के वैक्सीनेशन के लिए फिलहाल कोई आदेश नहीं मिला है।

सरकारी आंकड़ों में आवारा कुत्ते सिर्फ दो हजार
वैसे तो आवारा कुत्तों की संख्या का अंदाजा लगाना मुश्किल है लेकिन विभागीय आंकड़ों के मुताबिक शहर में आवारा सड़कों पर घूमने वाले सिर्फ दो हजार कुत्ते हैं। इन्हें पकड़कर कहीं दूसरी जगह नहीं छोड़ा जा सकता। नगर निगम का दावा है कि लगातार अभियान चलाकर आवारा कुत्तों को पकड़ा जा रहा है। पिछले महीने 40 आवारा कुत्तों को बधियाकरण के लिए नंदौसी भेजा गया था। ये कुत्ते आईवीआरआई, राजेंद्रनगर और कटघर क्षेत्र से पकड़े गए थे। पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ. आदित्य तिवारी बताते हैं कि बधियाकरण के बाद कुत्तों की आक्रामकता कम हो जाती है और वे लोगों पर हमला नहीं करते। उन्हें जहां से पकड़ा जाता है, बधिया करने के बाद वहीं छोड़ दिया जाता है।

सीबीगंज में कई बच्चों की जान ले चुके हैं कुत्ते
सीबीगंज के मथुरापुर और बंडिया गांव में ही कुत्ते हमला कर कई बच्चों की जान ले चुके हैं। पिछले दो महीने में ही कुत्तों ने तमाम बच्चों पर हमला किया है। नगर निगम का अभियान इक्कादुक्का कुत्ता पकड़कर निपट गया। आए दिन कोई न कोई मासूम कुत्तों का शिकार हो जाता है।

रैबीज होने के बाद मौत निश्चित
तीन सौ बेड अस्पताल के एआरवी प्रभारी डॉ. शैलेश रंजन के मुताबिक रैबीज लाइलाज है। कुत्ते काटने के 24 घंटे के भीतर एंटी रैबीज वैक्सीन लगना बेहद जरूरी है वर्ना वायरस फैलने का खतरा रहता है। रैबीज फैलने की अवधि 30 दिन से दो साल तक होती है। रैबीज होने के बाद मौत निश्चित है।

पालतू कुत्तों के लिए आई वैक्सीन सभी पशु चिकित्सालयों में भेजी जा रही हैं। पंजीकरण के बाद कुत्तों को वैक्सीन लगाई जाएगी। आवारा कुत्तों के संंबंध में फिलहाल कोई आदेेश नहीं मिला है -ललित वर्मा, अपर निदेशक पशुपालन विभाग।

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