बरेली: निपटते ही नहीं..! राजस्व वाद हैं या कोरोना जैसी महामारी

बरेली: निपटते ही नहीं..! राजस्व वाद हैं या कोरोना जैसी महामारी

बरेली, अमृत विचार। शासन का जोर राजस्व वादों के शत-प्रतिशत निस्तारण पर जरूर है लेकिन उनके दायर होने की गति इतनी तेज है कि अदालतों में इन पर सुनवाई कर रहे पीठासीन अफसरों की हालत खराब है।

मुख्यमंत्री के आदेश पर दो महीने में 55 हजार में से करीब 38 हजार वादों का निपटारा कर दिया गया लेकिन इसी बीच 21 हजार से ज्यादा नए वाद दायर हो गए। लिहाजा मंडल के राजस्व न्यायालयों में लंबित राजस्व वादों की संख्या फिर करीब 39 हजार पर पहुंच गई है। देवरिया कांड के बाद सरकार की ओर से राजस्व न्यायालयों में लंबित वादों के निस्तारण पर लगातार सख्ती दिखाई जा रही है।

इसके बाद भी कोई बड़ा नतीजा निकलता नहीं दिख रहा है। दो महीने के विशेष अभियान के बाद भी राजस्व न्यायालयों पर मुकदमों का भारी बोझ बरकरार है। मंडल के चारों जिलों में अब भी 38 हजार से ज्यादा मामले लंबित है, जबकि दो महीने के अभियान में करीब-करीब इतने ही वादों को निपटाया जा चुका है।

इनमें पैमाइश, जमीन के बंटवारे, दाखिल-खारिज, कृषि जमीन को गैर कृषि कार्यों के उपयोग जैसे मामलों के वाद सर्वाधिक हैं। राजस्व वादों की गति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आरसीएमएसएस पोर्टल पर 11 अक्टूबर 2023 को बरेली में 15677, बदायूं में 13675, पीलीभीत में 8191 और शाहजहांपुर में 17280 वाद लंबित होने का ब्योरा था।

इनमें 11 अक्टूबर से पांच दिसंबर के बीच दायर हुए वादों को भी शामिल किया तो बरेली में लंबित वादों की संख्या 22116, बदायूं में 18737, पीलीभीत में 11672 और शाहजहांपुर में 24001 पर पहुंच गई। 11 अक्टूबर से पांच दिसंबर के ही बीच अभियान चलाकर बरेली में 10126, बदायूं में 8292, पीलीभीत में 4611 और शाहजहांपुर में 15319 वादों का निस्तारण किया गया लेकिन इसके बावजूद बरेली में अब भी 11990, बदायूं में 10445, पीलीभीत में 7061, शाहजहांपुर में 8682 वाद लंंबित हैं।

शाहजहांपुर में थे सर्वाधिक लंबित वाद सबसे ज्यादा निपटाए भी वहीं गए
दो महीने के अभियान के बाद लंबित वादों में अब बरेली पहले नंबर पर है, लेकिन अभियान की शुरुआत के समय 10 अक्टूबर को आरसीएमएसएस पोर्टल के अनुसार मंडल में सर्वाधिक वाद शाहजहांपुर में लंबित थे।

इस जिले में 17280 वाद थे, जबकि 15677 वादों के साथ दूसरे स्थान पर बरेली था। 11 अक्टूबर से पांच दिसंबर तक अभियान में सबसे ज्यादा लंबित वाद शाहजहांपुर में ही निपटाए गए। यहां 15319 वादों का निस्तारण हुआ, 10126 वादों को निपटाकर बरेली दूसरे स्थान पर रहा। पीलीभीत तीसरे और बदायूं चौथे स्थान पर रहा। इन दोनों जिलों में बरेली, शाहजहांपुर की अपेक्षा लंबित वादों की संख्या भी कम थी।

समीक्षा: पुराने मामले निपटाने में छूट रहा पसीना
दो महीने तक चलाए गए अभियान के दौरान हुई प्रगति और लंबित वादों की मौजूदा स्थिति की समीक्षा के लिए कमिश्नरी में हुई मंडलस्तरीय बैठक में चारों जिलों के एडीएम ने भाग लिया और अपने जिले में राजस्व वादों की स्थिति की रिपोर्ट अपर आयुक्त प्रशासन अरुण कुमार को दी। इस दौरान राजस्व वादों के निस्तारण में आ रही समस्याओं पर भी चर्चा हुई। काफी पुराने मामलों को निपटाने में समय लगने की बात कही गई। कई और समस्याओं का जिक्र बैठक में किया गया।

राजस्व अदालतों में लंबित वादों के निस्तारण की समीक्षा के दौरान सभी जिलों को वादों के शत-प्रतिशत निस्तारण का निर्देश दिया गया। पीठासीन अधिकारियाें को सुनिश्चित करने को कहा गया कि किसी भी धारा के वाद लंबित न रहें। अगर किसी न्यायालय में पीठासीन अधिकारी नहीं है तो उसका चार्ज किसी और को देने का आदेश दिया गया है। - अरुण कुमार, अपर आयुक्त प्रशासन

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