world sparrow day: आपके आंगन में गौरेया चहचहाती रहें इसके लिए फ्री में बांट रहे नेस्ट, दे रहे पर्यावरण संरक्षण का संदेश!

world sparrow day: आपके आंगन में गौरेया चहचहाती रहें इसके लिए फ्री में बांट रहे नेस्ट, दे रहे पर्यावरण संरक्षण का संदेश!

आधुनिक चकाचौंध में गुम हो गई आंगन में चहचहाने वाली गौरैया, लोगों ने मुंह फेरा तो कम हो गई संख्या

बहराइच, अमृत विचार। लोगों के घरों में दिखने वाली गौरैया धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रही है। इसका मुख्य कारण आधुनिकता की दौड़ में पेड़ों की अंधाधुंध कटान और मोबाइल टावरों से निकलने वाला खतरनाक विकिरण बताया जा रहा है। लेकिन हम सभी की सजकता से ही इसके संरक्षण पर बल दिया जा सकता है।

प्रतिवर्ष 20 मार्च को पूरे विश्व में गौरैया दिवस मनाया जाता है। लेकिन इसके संरक्षण के लिए धरातल पर कोई काम नहीं दिख रहा है। जबकि गौरैया हमारी प्राकृतिक साथी है। कभी वह पेड़ से आंगन तो आंगन से पेड़ में कुदरती रहती थी। लेकिन बदलते प्रवेश में गौरैया पूरी तरह से विलुप्त होती जा रही है। इसका मुख्य कारण ग्रामीण और शहर क्षेत्र में पेड़ों का अंधाधुंध कटान कटान है। क्योंकि गौरैया पेड़ पर ही अपना घोंसला बनाती है और वह ग्रामीणों के बीच रहना चाहती है, लेकिन पेड़ों की हो रही कटान से गौरैया अपने घर नहीं बन पा रही है।

यही कारण है कि दो दशक पहले हमारे और आपके घरों के आंगन में चहचहाने वाली गौरैया अब नहीं दिखती है। इसे संरक्षित करने के लिए सरकार की ओर से भी कोई बेहतर कदम नहीं उठाया जा रहा है। ऐसे में अपने घर के मेहमान और आंगन में चहचहाने वाली गौरैया को हम सभी मिलकर ही संरक्षित रख सकते हैं। आइए हम सभी मिलकर घर के आंगन में चहचहाने वाली गौरैया को बचाने का प्रयास करें। क्योंकि गौरैया पर्यावरण हितैषी होने के साथ ही खेतों में लगे कीड़ों को खत्म करने में भी उपयोगी है।

हमारे बीच रहना चाहती है गौरैया

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गौरैया हम सभी की तरह परिवार के बीच में ही रहना चाहती है लेकिन आधुनिकता की दौड़ में जंगल और पेड़ काटे जा रहे हैं जिसके चलते गौरैया भी विलुप्त होती जा रही है इसके संरक्षण के लिए घोंसले बनाए हैं, जिसके परिणाम भी सुखद मिल रहे हैं, उसमें गौरैया आ रही हैं आज भी लोगों को निशुल्क घोसला वितरित किया जाएगा।

                                                                                                      मुकेश जायसवाल, पर्यावरण प्रेमी

15 वर्ष से लोगों को कर रहे जागरूक

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गौरैया को संरक्षित करने और लोगों को जागरूक करने के लिए कतर्निया घाट फ्रेंड्स क्लब का संचालन 15 वर्षों से करते हैं। गौरैया संरक्षण के लिए आम लोगों को घोसला बनवा कर देते हैं स्कूलों के साथ गांव में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करते हैं हम सभी के जागरूक होने और पेड़ों पर घोंसला रखने के साथ उसमें दाना रखने पर ही गौरैया को वापस लाया जा सकता है।

                                                                                                                    भगवान दास लखमानी, अध्यक्ष

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