हल्द्वानी: सांसद के गोद लिए गांव विजयपुर में सड़क न होने से कुंवारे रह रहे लड़के

हल्द्वानी: सांसद के गोद लिए गांव विजयपुर में सड़क न होने से कुंवारे रह रहे लड़के

ललित पांडे, हल्द्वानी, अमृत विचार। नैनीताल के निवर्तमान सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट के गोद लिए गांव विजयपुर, देवला मल्ला, गौलापार में करीब दो किमी. सड़क नहीं बन पाने से गांव के लड़कों की शादी तक नहीं हो पा रही है। ग्रामीण अब सड़क बनने की उम्मीद तक छोड़ चुके हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए कई बार अधिकारी आए, सर्वे किए और आश्वासन देकर चले गए, लेकिन आज तक सड़क नहीं बन पाई। 

जानकी देवी ने बताया कि जब सांसद अजय भट्ट ने गांव को गोद लिया तो काफी उम्मीदें थीं, लेकिन बीते 5 साल सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री रहने के बावजूद वह कभी गांव तक में नहीं आए। अब वह फिर से नैनीताल सीट से भाजपा के सांसद प्रत्याशी हैं, लेकिन गांव के हालात जस के तस हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि गांव के मुख्य मार्ग में सूखी नाम की नदी बहती है, बरसात के दिनों में इसका जलस्तर काफी बढ़ जाता है, जिससे कई-कई दिनों तक गांव का जनसंपर्क पूरी तरह कट जाता है। उस दौरान बच्चे स्कूल नहीं जा पाते और लोगों के काम धंधे बंद हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि नदी पर पहले पुल और अब कॉज वे बनाने की बात हो रही है। इसके लिए कागजों में कई बार पुल व कॉज वे बन चुका है लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ। 

अनीता बृजवासी ने कहा कि पुल व सड़क न होने से गांव के दर्जनों लड़कों की शादियां नहीं हो पा रही हैं। उन्होंने बताया कि लड़की वाले लड़का देखने के लिए गांव में आते हैं, लेकिन गांव की हालात देखकर वह मना कर देते हैं। उन्होंने कहा कि कई लड़कों की उम्र 40 साल हो गई है लेकिन लड़की न मिल पाने से वह अब तक कुंवारे हैं। लड़कियों की शादी के लिए भी हल्द्वानी में बैंक्वट हॉल किराए पर लेना पड़ता है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने किया शिलान्यास, फिर भी नहीं बनी सड़क 
ग्रामीणों ने बताया कि साल 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम में गांव की सड़क का शिलान्यास किया था, जिसके बाद अधिकारियों ने गांव के करीब शिलान्यास पट भी लगाया, लेकिन वह पट भी अब गायब हो चुका है। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय स्थानीय विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने जल्द सड़क बनाने का वादा किया था, लेकिन वह भी अपना वादा भूल गए।


महज 7 किमी दूर हल्द्वानी, फिर भी रह रहे किराए पर
हल्द्वानी से विजयपुर गांव की दूरी महज 7 किमी है। आजादी से पहले बसे इस गांव में आज तक विकास की किरण नहीं पहुंच पाई। गांव में एक प्राइमरी पाठशाला है, लेकिन उससे आगे की पढ़ाई करने के लिए बच्चों को कई किमी. की दूरी तय करके नवाड़खेड़ा या कुंवरपुर जाना पड़ता है। कुछ सक्षम लोगों ने अपने बच्चों को पढ़ाने के हल्द्वानी में कमरा किराए पर ले रखा है। लोगों ने बताया कि गंभीर रूप से बीमार होने या नदी का बहाव तेज होने पर उन्हें हल्द्वानी में अपने रिश्तेदारों के यहां रुकना पड़ता है।


गांव में रहते हैं 90 परिवार
विजयपुर, गौलापार में करीब 90 परिवार रहते हैं, जिसमें लगभग 500 मतदाता हैं लेकिन इसके बाद भी इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। गांव से गुजर रही सड़क से ओखलढूंगा, सिरौड़ी, खमारी, डेढ़ा आदि गांवों के लोग भी आवागमन करते हैं।


2 किमी के देने पड़ते हैं प्रति चक्कर 700 रुपये
ग्रामीणों ने बताया कि सड़क खराब होने से लोगों को घर निर्माण आदि का सामान लाने में भी खासी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। उन्होंने कहा कि महज दो किमी दूर गांव खेड़े से गांव तक सामान लाने के गाड़ी वाले 700 रुपये चक्कर मांगते हैं।


बहुत सारे गांव ऐसे हैं, जिनके कार्य पाइप लाइन में हैं। इन गांवों और सड़कों के सर्वे हो चुके हैं और ये सरकार के विचाराधीन हैं, धीरे-धीरे परिणाम दिखाई देंगे।
- अजय भट्ट, निवर्तमान सांसद

पिछले 80 साल से सड़क का इंतजार कर रहा हूं, कई जगह दौड़-भाग कर ली लेकिन अब हार मान हो गए हैं। यह गांव आजादी से पहले बसा है।
- शंभू दत्त बृजवासी, ग्रामीण

चुनाव आता है तो गांव गोद लेते हैं, फिर भुल जाते हैं। सांसद जी एक बार भी अपने गोद लिए गांव को देखने तक नहीं आए। विधायक जी भी आश्वासन दे गए।
- भावना संम्मल, ग्रामीण

गोद लेने के बाद सांसद जी गांव को ही भूल गए। अधिकारी आते हैं, सिर्फ सर्वे करके चले जाते हैं। पास के नकेल गांव में नदी पर पुल बनने भी लगा है।
- खीमानंद पड़लिया, ग्रामीण

पुल व सड़क का सर्वे के बाद पैसा भी आ गया था लेकिन फिर भी न सड़क बनी, न पुल। बरसात में लोगों को बहुत दिक्कतें होती हैं। 
- गोपाल दत्त पड़लिया, ग्रामीण