Bareilly News: बच्चों का जीवन खराब कर रहा बड़ों का लाइफस्टाइल

Bareilly News: बच्चों का जीवन खराब कर रहा बड़ों का लाइफस्टाइल

अंकित चौहान, बरेली अमृत विचार। माता पिता की खराब जीवन शैली और दिनचर्या के कारण व्यस्क तो डायबीटिज के शिकार तो हो ही रहे, इसके कारण अपनी संतान का भी जिंदगी भर का दर्द दे रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो बच्चों में डायबीटिज का माता पिता से सीधा कनेक्शन है। अकेले बरेली शहर में हर माह 5 से 10 बच्चे टाइप वन डायबीटिज पीड़ित मिल रहे हैं। 

सबसे बड़ी समस्या ये है कि बच्चों की टाइप वन डायबीटिज के इलाज के नाम पर इंसुलिन लेना ही है। हर मां-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे कभी बीमार न पड़े। बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए हर समय उनका ख्याल रखते हैं।

उनको चौंकाने बात ये हो सकती है कि उनके खराब लाइफ स्टाइल का फर्क उनके साथ साथ उनके बच्चों का जीवन खराब कर सकता है। जिला अस्पताल स्थित एनसीडी यानि गैर संचारी रोग केंद्र पर 5 से 17 साल तक ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं जो कि मधुमेह टाइप 1 से ग्रसित हैं। टाइप 1 के सर्वाधिक मामलों में कारण अनुवांशिक होता है।

शरीर में नहीं बनता इंसुलिन 
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. अनुपम शर्मा ने बताया कि जिन बच्चों के माता-पिता दोनों मधुमेह से ग्रसित हैं तो उनके बच्चों को मधुमेह होने का खतरा 70 फीसदी तक होता है, वहीं अगर माता-पिता में अगर किसी एक को मधुमेह हैं तो बच्चों को इसका खतरा 30 फीसदी तक होता है। दरअसल, मधुमेह टाइप 1 अनुवांशिक होता है। इसका होने का मुख्य कारण यह है कि शरीर में इंसुलिन नहीं बनता है इसलिए बच्चे को जीवन भर इंसुलिन लगवाना पड़ता है।

दस फीसदी बच्चों में हो रही मधुमेह टाइप 1 की पुष्टि
एनसीडी क्लीनिक प्रभारी डॉ. मयंक के अनुसार हर माह यहां आने वाले 100 मरीजों में 5 से 10 ऐसे बच्चे हैं जो कि मधुमेह टाइप 1 से ग्रसित मिल रहे हैं। इन मरीजों में 5 से 18 साल तक के मरीज शामिल है। हालांकि मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त दवाएं, इंसुलिन समेत अन्य संसाधन मौजूद हैं। हालांकि हर कुछ बच्चे जिनका इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है वह भी केंद्र पर आकर इंसुलिन लगवा रहे हैं।

इन बातों का रखें ध्यान, फौरन लें डॉक्टर की सलाह
बार बार पेशाब जाना कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को संकेत माना जाता है, पर अगर अत्यधिक प्यास के साथ बार-बार पेशाब आने की समस्या महसूस होती है तो ये मधुमेह का संकेत हो सकता है। बच्चे में इस तरह के लक्षणों पर जरूर ध्यान दे। कई बार टाइप-1 डायबिटीज के संकेत बहुत स्पष्ट नहीं होते हैं, इसलिए इन लक्षणों पर ध्यान देकर आप गंभीर जटिलताओं के खतरे को कम कर सकते हैं।

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