सपा सांसद एसटी हसन का छलका दर्द, कहा- स्थानीय नेताओं ने मुझे बनाया 'साजिश' का शिकार

सपा सांसद एसटी हसन का छलका दर्द, कहा- स्थानीय नेताओं ने मुझे बनाया 'साजिश' का शिकार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के मौजूदा सांसद एस. टी. हसन ने मंगलवार को कहा कि कुछ स्थानीय नेताओं की 'साजिश' के चलते पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करने के लिए जरूरी कागजात उन तक समय से नहीं पहुंच सके। इसी वजह से वह नामांकन के आखिरी दिन 28 मार्च को पर्चा नहीं दाखिल कर सके। 

सपा ने इस बार हसन का टिकट काटकर बिजनौर की पूर्व विधायक रुचि वीरा को प्रत्याशी बनाया है। हसन ने वीरा के लिए चुनाव प्रचार करने से इनकार किया है। हालांकि वह अन्य सीटों पर इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के लिए प्रचार करेंगे।

हसन ने से बातचीत में स्थानीय स्तर पर विरोध के बीच सपा की अधिकृत प्रत्याशी रुचि वीरा की जीत की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा, "अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। चुनाव तो चुनाव है। देखते हैं क्या होता है।" यह पूछे जाने पर कि क्या सपा राज्य मुख्यालय या किसी वरिष्ठ नेता ने चुनाव प्रचार करने के लिए उनसे संपर्क किया है, सांसद ने कहा, "पार्टी नेतृत्व से मुझे अभी तक कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है।"

हसन ने 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा उम्मीदवार के तौर पर मुरादाबाद से चुनाव लड़ा था और भाजपा के कुंवर सर्वेश कुमार सिंह से हार गए थे। 2019 में सपा नेता ने सिंह को 97,878 मतों से हराकर मुरादाबाद सीट जीती थी। सिंह एक बार फिर इस सीट से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।

 हसन 2006 से 2012 तक मुरादाबाद के मेयर भी रह चुके हैं। बिजनौर जिले की मूल निवासी रुचि वीरा (62) सपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं। उन्होंने 2014 में बिजनौर विधानसभा सीट से उपचुनाव जीता था, जिसमें उन्होंने भाजपा के हेमेंद्र पाल को 11,000 मतों से हराया था। मुरादाबाद में पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है। 

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