Kanpur News: दाखिला लेने से बचने के लिए नया हथकंडा...अभिभावकों को थकाने के लिए दौड़ा रहे निजी स्कूल

कानपुर में खंड शिक्षा अधिकारियों के पास पहुंच रहीं शिकायतें

Kanpur News: दाखिला लेने से बचने के लिए नया हथकंडा...अभिभावकों को थकाने के लिए दौड़ा रहे निजी स्कूल

कानपुर, अमृत विचार। आरटीई के तहत प्रवेश से बचने के लिए निजी स्कूल तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। शिक्षा विभाग की ओर से सीटें लॉक किए जाने के बाद भी अभिभावकों को यहां से वहां दौड़ाया जा रहा है, ताकि वह खुद थक-हार कर बैठ जाएं और प्रवेश नहीं लेना पड़े। यह हकीकत खंड शिक्षा अधिकारियों के पास पहुंच रही शिकायतें से सामने आई है।

निजी स्कूलों में हालात यह हैं कि अभिभावकों ने आवेदन करते समय जितने स्कूल विकल्प के रूप में भरे थे, उनकी सीट आवंटित होने के बाद भी उन्हें विकल्प वाले दूसरे स्कूलों में भेजा जा रहा है। निजी स्कूलों की मंशा है कि अभिभावकों को इधर से उधर दौड़ाकर इतना थका दिया जाए कि वह हारकर घर बैठ जाएं और प्रवेश की उम्मीद ही छोड़ दें। 

यही वजह है कि आरटीई के तहत प्रवेश लेने में निजी स्कूल एक महीने बाद भी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। स्कूल प्रबंधन आरटीई के लाभार्थी बच्चों को प्रवेश देने से बचने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। ताजे खुलासे में यह बात सामने आई है कि निजी स्कूलों ने अभिभावकों को परेशान करने के लिए एक नया हथकंडा अपना लिया है।

इसके तहत आवेदन करते समय अभिभावकों ने फार्म में स्कूलों के जो विकल्प भरे थे, उन्हें विकल्प वाले स्कूलों में भेजा जा रहा है, जबकि प्रवेश उसी स्कूल में होना चाहिए, जहां की सीट विभाग की ओर से लॉक की गई है। 

जानकारी के अभाव में अभिभावक एक से दूसरे और तीसरे स्कूलों का चक्कर लगा रहे हैं। इसके पीछे सिर्फ यही मंशा है कि अभिभावकों को दौड़ा कर इतना थका दिया जाए कि वह हार मानकर घर बैठ जाए और बच्चे को आवंटित स्कूल में प्रवेश दिलाने की उम्मीद छोड़ दे। ऐसी कई शिकायतें खंड शिक्षा अधिकारियों के पास पहुंची हैं।

निजी स्कूल वाले ऐसे कर रहे खेल

आवेदन के समय अभिभावकों ने अपने घर के आसपास के विकल्प के रूप में तीन या पांच स्कूलों के नाम भरे हैं। इन्हीं विकल्पों के आधार पर लॉटरी में लाभार्थी बच्चे को एक स्कूल आवंटित किया गया है। जब अभिभावक आवंटित स्कूल में प्रवेश के लिए पहुंचते हैं तो स्कूल प्रबंधन की ओर से कहा जाता है कि ‘आप विकल्प के दूसरे नंबर के स्कूल में बात कर लीजिए, यदि वे नहीं लेते हैं तो हम ले लेंगे’। नियम से अनजान अभिभावक इस स्कूल से उस स्कूल में भटक रहे हैं। 

स्कूलों ने अभी तक नहीं दिए आंकड़े

निजी स्कूलों ने आरटीई के तहत पहली सूची में दाखिला लेने वाले बच्चों की अभी तक विभाग को संख्या नहीं बताई है, जिससे विभाग को ही पता नहीं है कि किस स्कूल ने कितने प्रवेश लिया। अब विभाग की ओर से ऐसे स्कूलों को नोटिस भेजे जाने की तैयारी की जा रही है। जिले में लगभग 50 फीसदी निजी स्कूल ऐसे हैं, जहां से विभाग को प्रवेश के आंकड़ों का इंतजार है।   

विभाग की हिट लिस्ट में ये स्कूल

मनमानी करने वाले निजी स्कूलों की विभाग सूची तैयार कर रहा है। इस सूची में सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल, केडीएमए वर्ल्ड, लिटिल लाइट पब्लिक स्कूल, किंगस्टन पब्लिक स्कूल, न्यू किंग्स्टन एकेडमी, संत सेवक पब्लिक स्कूल, मर्सी मेमोरियल स्कूल, बीडी मेमोरियल एजुकेशन सेंटर, द गैंजेस वर्ल्ड स्कूल प्रमुख रूप से शामिल हैं।

आरटीई के तहत आवंटित हुए स्कूल में ही छात्र का प्रवेश होना है। अभिभावकों को किसी भ्रम में नहीं फंसना चाहिए। भ्रम फैलाने वाले स्कूलों को चिह्नित किया जा रहा है। ऐसे स्कूलों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।- सुरजीत कुमार सिंह, बीएसए

ये भी पढ़ें- Kanpur: युवती ने शादी से किया मना तो सिरफिरे ने घर में घुसकर की मारपीट, तेजाब से नहलाने की दी धमकी, रिपोर्ट दर्ज