लखनऊ: High Court ने प्रदेश सरकार को हलफनामा दाखिल करने के दिये आदेश, Covid काल के कर्मचारियों से जुड़ा है मामला

लखनऊ: High Court ने प्रदेश सरकार को हलफनामा दाखिल करने के दिये आदेश, Covid काल के कर्मचारियों से जुड़ा है मामला

लखनऊ, अमृत विचार। प्रदेश के चिकित्सालयों में कार्यरत कोविड कर्मचारियों को किसी अन्य योजना के तहत समायोजित किए जाने के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने प्रदेश सरकार को दो माह में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया। यह आदेश न्यायधीश सलिल कुमार राय ने दिया है। 

दरअसल, कोविड के समय कार्यरत शाहिद और अन्य 49 कर्मचारियों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। जिस पर प्रदेश सरकार को दो माह के अन्दर हलफनामा देना है। उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने वालो ने कहा है कि हम सभी लोगों को किसी अन्य योजना के तहत निरंतर चलने वाली सेवाओं में समायोजित किया जाए।

आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्र ने कहा कि वर्ष 2019 में यूपी एचएसएसपी परियोजना समाप्ति के बाद परियोजना में कार्यरत 5000 कर्मचारियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने 51 जनपदों में सेवा प्रदाता फर्म का चयन करते हुए उनकी सेवाएं निरंतर जारी रखी गई थी। वह कर्मचारी आज भी कार्यरत है। इसी प्रकार कोविड कर्मचारियों का भी समायोजन होना चाहिए। 

उन्होंने बताया कि प्रदेश के विभिन्न चिकित्सालय में कार्यरत कोविड कर्मचारी जो  कोरोना काल के दौरान विभिन्न चिकित्सालय में तैनात किए गए थे, उनकी सेवा समाप्ति सरकार की तरफ से की गई थी। कर्मचारियों के बार-बार आंदोलन करने पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एक से दो माह का सेवा विस्तार कर देता है। विभिन्न जनपदों में मुख्य चिकित्सा अधिकारियों द्वारा इनको हर माह सेवा समाप्ति का नोटिस जारी किया जा रहा है। 

संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ ने कई बार इस मामले को लेकर सरकार को पत्र भेजा।  विभिन्न चिकित्सालय में इन कर्मचारियों की जरूरत भी है फिर भी सरकार इन कर्मचारियों को चिकित्सालय में अन्य सेवा प्रदाता फर्म समायोजित नहीं कर रही है। मजबूरन कर्मचारी न्यायालय की शरण में गए है।

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