सीतापुर: ऑनलाइन हाजिरी को शिक्षकों ने नकारा, अभिभावकों ने सराहा

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Published By Deepak Mishra
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शिक्षकों के विरोध में सामने आये अभिभावक, सरकार के प्रयास को बताया सराहनीय 

सीतापुर,अमृत विचार। ऑनलाइन हाजिरी को लेकर जिले में शिक्षकों को विरोध प्रदर्शन जारी है। शिक्षण कार्य के दौरान शिक्षकों ने हाथ में काली पट्टी बांधकर विरोध जताया तो कहीं धरना प्रदर्शन कर शिक्षक एकता का नारा भी दिया। विभिन्न शिक्षक संगठनों ने 15 जुलाई तक काली पट्टी बांधकर विरोध जताने का निर्णय लिया है। 

मालूम हो कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किए है। जिसमें शिक्षकों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए विद्यालयों में शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी की व्यवस्था की गई है। लेकिन शिक्षक संसाधनों की कमी के बात कहकर ऑनलाइन हाजिरी का विरोध जता रहे है। 8 जुलाई से ऑनलाइन हाजिरी को अनिवार्य करने के फरमान के बाद से ही शिक्षक विरोध कर रहे है। जिसके चलते शिक्षण कार्य भी बाधित हो रहा है।

संगठनों के द्वारा छेड़ी गई मुहिम को लेकर कई विद्यालयों के शिक्षक असमंजस में दिख रहे है, तो कुछ अध्यापकों ने दबी जुबान से कहा कि वह ऑनलाइन हाजिरी का विरोध संगठन के दबाव में कर रहे हैं।

महिला शिक्षकाओं में भी ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। एक महिला शिक्षिका का कहना है कि ऑनलाइन हाजिरी के विरोध को लेकर वह अपने विद्यालय को सुर्खियों में नहीं लाना चाहती हैं। ऑनलाइन हाजिरी के साथ सरकार विद्यालयों में प्रत्येक होने वाले 12 रजिस्टरों के खर्च को खत्म भी कम करना चाहती है। 

वहीं ऑनलाइन हाजिरी को लेकर अभिभावकों का कहना है कि यह सरकार द्वारा बहुत सही कदम उठाया गया है। इस कदम से शिक्षक समय से स्कूल पहुंचेंगे और बच्चों को समय से उचित शिक्षा मिल पाएगी। पहले अध्यापक ही समय से नहीं पहुंचते थे तो बच्चों को क्या शिक्षा देते रहे होंगे। 

अभिभावको की राय 

अभिभावक अभिषेक चौरसिया का कहना है कि सरकार द्वारा यह बहुत ही सराहनीय कदम उठाया गया है। जिससे शिक्षक समय से स्कूल पहुंच सकेंगे। अभी तक तो यही होता था की तैनाती पांच की है और वहां शिक्षामित्र के सहारे ही स्कूल चल रहा है, लेकिन सरकार ने उसको देखते हुए यह बहुत सही कदम उठाया है। हम सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं। शिक्षकों को भी इसमें योगदान देना चाहिए। 

अभिभावक सुधीर अवस्थी का कहना है कि सरकार ऑनलाइन हाजिरी का नियम लाकर बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहती है। सरकार का यह प्रयास है कि शिक्षक समय से स्कूल पहुंच सके, लेकिन यदि शिक्षक किसी कारणवश देरी से पहुंचता है तो उसकी पावर प्रधानाचार्य के पास होनी चाहिए। सरकार द्वारा यह बहुत ही अच्छा कदम उठाया गया है जिससे शिक्षक बच्चे और शिक्षा दोनों अपने समय से सुचारू रूप से शुरू किया जा सकते हैं।

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