गोंडा: पानी से तालाब और पोखरों की कोख हुई सूनी, पशु-पक्षियों के सामने संकट

जिले के पांच हजार तालाबों में नहीं रह गया पानी, पारा पहुंचा 40 के पास

गोंडा: पानी से तालाब और पोखरों की कोख हुई सूनी, पशु-पक्षियों के सामने संकट

गोंडा, अमृत विचार। अप्रैल माह अभी आधा ही बीता है। तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया। गुरुवार को तेज लू के थपेड़ों के बीच 40 डिग्री तापमान रिकार्ड किया गया। ऐसे भीषण गरमी में यदि पानी की दो बूंद की जरूरत हो तो स्थिति ही दूसरी हो जाती है। और यदि पशु पक्षियों की बात की जाए तो उनके पेयजल पर तो गहरा संकट उत्पन्न हो गया है। सारे विकास कार्य ठप हैं। 

चुनाव चरम पर है और इस भीषण गरमी में जिले भर के तालाबों की कोख पानी के बिना सूनी हो रही हैं। जिले में 18 सौ से अधिक राजस्व गांवों में करीब 11 हजार तालाब, पोखरे दर्ज हैं। इनमें अधिकांश तालाब के पानी सूख गए हैं। सात माह से बारिश न होने तथा जलसंरक्षण की मुकम्मल व्यवस्था न होने के कारण तालाबों से पानी भाप बनकर उड़ गया। जो बचा है उस पर भी संकट के बादल छाने लगे हैं। जिले भर में लाखों मवेशी छुट्टा हैं। उनके सामने पीने का संकट उत्पन्न हो गया है। 

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487 में 269 तालाबों का हुआ है जीर्णोद्धार, लेकिन पानी नहीं

सरकार की योजना है कि जो बड़े तालाब हैं उन्हें अमृत सरोवर योजना के तहत सुंदर व बेहतर बनाया जाए। योजना के तहत तालाबों की खोदाई कर उसकी गहराई बढ़ाना, चारों तरफ रेलिंग लगाकर पेड़े पौधे लगाकर उसे रमणीक बनाना था। योजना के तहत जिले भर में 487 तालाबों का चिह्नांकन किया गया।

इसमें 269 तालाबों का जीर्णोद्धार कर दिया गया ऐसा विभाग का मानना है। करीब 60 तालाबों का कार्य पूरा होने वाला है। शेष की खोदाई का कार्य अभी नहीं हो पाया है। लेकिन जो अमृत सरोवर बने भी हैं उनमें अधिकांश में पानी नहीं है। अप्रैल की भीषण गरमी में ही सभी तालाब सूखने लगे हैं। अभी तो अप्रैल का आधा माह ही बीता है। पूरा मई व जून तो बाकी है, जब तापमान 42 डिग्री तक पहुंच जाता है।

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मनकापुर के ग्राम सभा किशुनदासपुर में मनरेगा योजना अंतर्गत तालाब खोद कर कार्य तो पूरा कर  लिया गया पर उसमें पानी व साफसफाई की व्यवस्था को नजरअंदाज किया गया है। इटियाथोक विकासखंड में 25 तालाबों का विशेष सौन्दर्यीकरण कराया गया, इसी के साथ सभी ग्राम पंचायत में तालाब की खोदाई कराई गई। इस बारे में ग्राम पंचायत करुआ पारा स्थित तालाब का विशेष सौन्दर्यीकरण  कराया गया था लेकिन वर्तमान स्थिति में यह तालाब पूरी तरीके से सूखा हुआ है।

संझवल स्थित पोखरे का भी विशेष सौन्दर्यीकरण  कराया गया था आज वह भी सूखने की कगार पर है। एपीओ बभनजोत शिवेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि बभनजोत ब्लॉक में कुल 24 तालाब अमृत सरोवर स्वीकृत हैं जिसमें 7 अमृतसरोवर का कार्य पूर्ण हो चुका है। 2 पर अभी काम शुरू नहीं हुआ है। 15 अमृत सरोवर का निर्माण कार्य बंद पड़ा है।

मस्टर रोल जारी नहीं किया गया है। करनैलगंज के गोंडा-लखनऊ मार्ग स्थित नरायनपुर मोड़ के नरायनपुर ग्राम पंचायत का तालाब सौंदर्यीकरण के बाद भी अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। सौंदर्यीकरण के नाम पर तालाब पर कितना धन खर्च हुआ है देखने से ही पता चल रहा है। सौंदर्यीकरण की तो बात छोड़िए जिम्मेदार सूख रहे तालाबों में पानी भराना भी मुनासिब नहीं समझ रहे हैं,  जिससे बेजुबानों को बूंद बूंद पानी के लिए दर भटकना पड़ रहा है।

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