पीलीभीत: लाखों क्विंटल गोदामों में भर ली चीनी...किसानों के 151 करोड़ की सुधि नहीं, मिलें बंद हुए एक माह बीता

पीलीभीत: लाखों क्विंटल गोदामों में भर ली चीनी...किसानों के 151 करोड़ की सुधि नहीं, मिलें बंद हुए एक माह बीता

पीलीभीत, अमृत विचार। गन्ना पेराई सत्र समाप्त हो चुका है। चीनी मिलें बंद हुए करीब एक माह का समय भी बीत चुका है। खास बात यह है कि इन चीनी मिलों गन्ना पेराई कर लाखों क्विंटल चीनी तो गोदामों में भर ली, लेकिन किसानों का बकाया 151.38 करोड़ रुपए का भुगतान देने में कोई दिलचस्पी नहीं है। बकाया भुगतान करने में बरखेड़ा चीनी मिल की सबसे दयनीय स्थिति है। इस मिल पर अकेले 137 करोड़ रुपए बकाया चल रहा है। शासन की तमाम सख्ती के बावजूद गन्ना किसान बकाया भुगतान को लेकर दर-दर ठोकरें खा रहे हैं।

तराई के इस कृषि प्रधान जिले के अन्नदाता लगभग हर साल ही दैवीय आपदाओं का शिकार तो हो ही रहे हैं, मगर लापरवाह तंत्र उनकी कमर तोडऩे में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है। जिले में गन्ने की बकाया भुगतान की स्थिति को देखें तो पेराई सत्र के दौरान जिले में चार चीनी मिलों द्वारा किसानों से 279.87 लाख क्विंटल गन्ना लेकर पेराई की। इसमें एलएच चीनी मिल से पहली अप्रैल को मिल बंदी के साथ ही किसानों को शत प्रतिशत भुगतान कर दिया, मगर शेष बची तीन मिलों ने पिछले माह की 23 तारीख  के बाद से धेले भर का भुगतान नहीं किया है।

 बरखेड़ा चीनी मिल, किसान सहकारी चीनी मिल पूरनपुर और बीसलपुर पर अभी भी गन्ना किसानों का 151.38 करोड़ रुपए बकाया है। बकाया भुगतान करने में बरखेड़ा चीनी मिल सबसे फिसड्डी साबित हो रही है। इस मिल पर किसानों का 137 करोड़ रुपए बकाया है। इस मिल ने 10 दिसंबर के बाद से कोई भी भुगतान नहीं किया है। जबकि किसान सहकारी मिल पूरनपुर पर 8.89 करोड़ और किसान सहकारी चीनी मिल बीसलपुर पर 5.49 करोड़ रुपए बकाया चल रहा है। जबकि शासन द्वारा 14 दिन के भीतर गन्ने का बकाया भुगतान करने का आदेश है, इसके बावजूद मिलें शासन के आदेश को हवा में उड़ा रही है। गन्ना किसान मिलों की इस मनमानी से परेशान है। वहीं जिम्मेदार शासन के आदेश को हवा में उड़ाने वाली चीनी मिलों पर कार्रवाई के नाम पर महज नोटिस देकर मामले को टरकाते आ रहे हैं।  

किसानों को सता रही अगली फसल को पालने की चिंता
मिलें बंद हुए भी करीब एक माह का समय बीत चुका है। किसान गन्ने की बुबाई कर चुके हैं। कुछ समय बाद धान की रोपाई की जाएगी। अब बिना पैसे अगली फसल को कैसे पाला जाए, किसानों के आगे यह समस्या मुंह फैलाए खड़ी है। पचपेड़ा ताल्लुके महाराजपुर के गन्ना किसान गुरुदयाल सिंह, मदन लाल आदि का कहना है कि अभी पिछली फसल के दौरान ली गई खाद-बीज का पैसा नहीं चुकाया है, ऐसे में अब गन्ने और धान की फसल की देखभाल कैसे होगी, इसकी चिंता सता रही है। सरकार 14 दिन के भीतर भुगतान दिलाने की बात कह रही है, फिर भी चीनी मिलें भुगतान देने में आनाकानी कर रही हैं।  

यह है बकाया भुगतान की स्थिति -
चीनी मिल/ अब तक किया भुगतान/बकाया
एलएच चीनी मिल पीलीभीत/651.33/00
बरखेड़ा चीनी मिल/73.17/137
किसान सहकारी चीनी मिल पूरनपुर/60.35/8.89
किसान सहकारी चीनी मिल बीसलपुर/87.45/5.49
(धनराशि करोड़ में दर्शाई गई है)

एलएच चीनी मिल द्वारा गन्ना किसानों का शत प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है। शेष मिलों पर बकाया भुगतान को लेकर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। हाल में ही मिलों को नोटिस देकर जल्द बकाया भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं। गन्ना किसानों को जल्द बकाया भुगतान दिलाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं- खुशीराम भार्गव, जिला गन्ना अधिकारी। 

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