बरेली: शिकायतों का कैसे हो समाधान?, थानों में सुनवाई नहीं, SSP कार्यालय में फरियादों के ढेर

बरेली: शिकायतों का कैसे हो समाधान?, थानों में सुनवाई नहीं, SSP कार्यालय में फरियादों के ढेर

DEMO IMAGE

बरेली, अमृत विचार: एसएसपी की फरियादियों को किसी भी हालत में थाने से निराश न लौटाने के निर्देश का कितना असर हुआ, इसकी गवाही खुद उनके कार्यालय पर फरियादियों की रोज जुटने वाली भीड़ दे रही है। कड़ी धूप और प्रचंड गर्मी के बावजूद दिन शुरू होते ही उनके कार्यालय पर फरियादियों का मेला लगना शुरू हो जाता है। न्याय की आस में जिले के कोने-कोने से लोग फरियाद लेकर यहां पहुंचते हैं।

सोमवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचे कई लोगों ने बताया कि थानों में उनकी शिकायत तो ले ली जाती है लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। गर्मी में थाने के कई-कई चक्कर कटवाने के बाद थानों के अधिकारी हर बार फोर्स की कमी का हवाला देकर उन्हें लौटा देते हैं। एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान रोज 2 बजे तक कार्यालय में फरियादें सुनते हैं, इस बीच उनके दफ्तर के बाहर लगातार फरियादियों की कतार लगी रहती है। एसएसपी कार्यालय पर फरियादियों की बढ़ती भीड़ साफ इशारा कर रही है कि थानों में आम जनता की नहीं सुनी जा रही है।

जमीन विवाद, घरेलू हिंसा के मामले ज्यादा
एसएसपी के पास आने वाली शिकायतों में ज्यादातर मामले जमीन के विवाद और घरेलू हिंसा से जुड़े हैं। जमीन के विवाद पुलिस राजस्व विभाग पर टाल देती है। पीड़ितों को लगता है कि पुलिस उन्हें जानबूझकर टाल रही है। इसी तरह घरेलू हिंसा और ठगी जैसे मामलों में भी पुलिस के कार्रवाई न करने की तमाम शिकायतें हैं।

रिपोर्ट दर्ज करने से साफ मना कर देती है पुलिस
स्टॉक मार्केट में ऑनलाइन पैसे लगाया था। 30 अप्रैल को 2.23 लाख रुपये की धोखाधड़ी हो गई। इसकी शिकायत थाना आंवला में की तो पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने से इन्कार कर दिया। थाने के 8-10 चक्कर काटने पर भी रिपोर्ट नहीं लिखी तो एसएसपी कार्यालय आया हूं- सतेंद्र, आंवला

जमीन में हिस्सा मांगने पर सौतेली मां ने 17 मई को लाठी-डंडों से पीटा था, एक हाथ और सिर में चोट लगी है। थाना बिथरी चैनपुर में शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। चार दिन चक्कर काटने के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई करने से इनकार कर दिया- किशन गोपाल, बिथरी चैनपुर

मेरी गाय पड़ोसी रामपाल के घर में घुस गई थी। इसी बात पर भड़के रामपाल ने दिव्यांग होने के बावजूद मेरे साथ बेरहमी से मारपीट की। शिकायत लेकर थाना भुता गया तो पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने से साफ मना कर दिया। अब 20 किमी दूर शिकायत करने आना पड़ा है- मिश्री लाल, भुता

18 मई को जमीन को लेकर पड़ोसी से विवाद हो गया था। थाना मीरगंज में शिकायत की तो पुलिस ने रिपोर्ट तो दर्ज कर ली लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं की। चार दिन थाने के चक्कर काटने के बाद भी सुनवाई नहीं हुई तो न्याय की उम्मीद लेकर एसएसपी कार्यालय आया हूं- विनीत, मीरगंज

जनपद में लोकसभा चुनाव के दौरान फरियादियों की शिकायतों में बढ़ोतरी हुई थी। चौथे चरण का चुनाव होने के बाद फोर्स वापस लौट आया है। अब जनपद के थानों में पुलिस फोर्स की कमी नहीं है- घुले सुशील चंद्रभान, एसएसपी

यह भी पढ़ें- बरेली: बीडीए की बड़ी कार्रवाई, भोजीपुरा में 73 बीघा में बन रही सात अवैध कॉलोनियों पर चला बुलडोजर