पीलीभीत : डी-फार्मा डिप्लोमा दिलाने के नाम पर अधिवक्ता से ठगे 1.80 लाख, कई स्थानों पर परीक्षा के लिए भेजा...अब लिखी FIR

पीलीभीत : डी-फार्मा डिप्लोमा दिलाने के नाम पर अधिवक्ता से ठगे 1.80 लाख, कई स्थानों पर परीक्षा के लिए भेजा...अब लिखी FIR

पीलीभीत, अमृत विचार: बरेली के एक जालसाज ने अपनी पत्नी और अन्य साथियों की मदद से अधिवक्ता के 1.80 लाख रुपये ठग लिए। डी-फार्मा डिप्लोमा दिलाने के नाम पर उससे रुपये लिए और परीक्षाओं के नाम पर भी दूर-दराज इलाकों में भेजा। मगर जब डिप्लोमा देने का वक्त आया तो टालमटोल शुरू कर दी। इसके बाद मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया। कोतवाली पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर नामजद रिपोर्ट दर्ज की है।

कोतवाली में दर्ज की गई रिपोर्ट में टैगोर नगर आवास विकास कॉलोनी के रहने वाले आलोक मिश्र एडवोकेट ने बताया कि अगस्त 2020 में उसका संपर्क बरेली जनपद के थाना कैंट क्षेत्र के लता दीप कॉलोनी के धर्मेंद्र शर्मा उर्फ डीके से हुआ। उसने खुद को नेशनल पैरामेडिकल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन एंड साइंस चंदौली का संचालक बताया। पीड़ित को डी-फार्मा डिप्लोमा अध्ययन कर परीक्षा उपरांत दिलाने का आश्वासन दिया गया। 

31 अगस्त 2020 को पीलीभीत में पीड़ित के आवास पर आकर 64 हजार रुपये लिए और प्रवेश शुल्क की रसीद दी। इसके बाद आरोपी के निर्देशानुसार उज्जैन ग्वालियर आदि स्थानों पर आयोजित परीक्षाओं में पीड़ित सम्मिलित हुआ। वर्ष 2020 से 12 जुलाई 2022 तक करीब 1.80 लाख रुपये का भुगतान पीलीभीत की बैंक व नेट द्वारा धर्मेंद्र को किया गया। जब उक्त परीक्षाओं की अंक तालिका और डिप्लोमा मांगा गया तो टालमटोल की जाने लगी। 

पहले कहता रहा कि इंटरनेट पर चेक कर लो। दिसंबर 2023 में आरोपी ने मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया। आरोपी की पत्नी भी उक्त संस्थान के संचालन में सहयोग करती थी। ठगी का एहसास होने पर जानकारी की गई तो पता चला कि आरोपी ने आरोपी द्वारा संचालित संस्थान की किसी सरकारी संस्थान से संबद्धता नहीं है। छात्र-छात्राओं से ठगी कर धन अर्जित करता है। 

इसकी शिकायत कोतवाली में की गई। एसपी को भी डाक से शिकायत पत्र भेजे लेकिन सुनवाई नहीं हुई। जिसके बाद पीड़ित ने न्यायालय की शरण ली। कोतवाली पुलिस ने मामले में कोर्ट के आदेश पर आरोपी धर्मेंद्र कुमार शर्मा उर्फ डीके, उसकी पत्नी और अन्य स्टाफ के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की है।

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