देहरादून: हाय गर्मी! टिहरी बांध से मात्र 25 से 30 मिलियन यूनिट ही हो पा रहा बिजली उत्पादन

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देहरादून, अमृत विचार। प्रदेश में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रह है। बारिश न होने से पेयजल आपूर्ति में खासी समस्याओं की खबरें सामने आ रही हैं इसी बीच टिहरी बांध की झील का जलस्तर न्यूनतम आरएल (रीवर लेवल) 742 मीटर पहुंच चुका है। झील में पानी कम होने से टिहरी बांध से 4.50 मिलियन …

देहरादून, अमृत विचार। प्रदेश में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रह है। बारिश न होने से पेयजल आपूर्ति में खासी समस्याओं की खबरें सामने आ रही हैं इसी बीच टिहरी बांध की झील का जलस्तर न्यूनतम आरएल (रीवर लेवल) 742 मीटर पहुंच चुका है। झील में पानी कम होने से टिहरी बांध से 4.50 मिलियन और कोटेश्वर बांध से 2.50 मिलियन यूनिट ही विद्युत उत्पादन हो रहा है। जबकि सामान्य दिनों में टीएचडीसी 25 से 30 मिलियन विद्युत उत्पादन होता है।

42 वर्ग किलोमीटर में फैली झील का जलस्तर इन दिनों 88 मीटर कम हो गया है। सामान्य दिनों में जलस्तर अधिकतम आरएल 830 मीटर रहता है, लेकिन बारिश कम होने के कारण जलस्तर घटकर न्यूनतम स्तर आरएल 742 मीटर पर पहुंच चुका है। बारिश कम होने के कारण भागीरथी नदी से 160 क्यूमेक्स, भिलंगना से 30 क्यूमेक्स और सहायक नदियों से केवल 30 क्यूमेक्स पानी आ रहा है। झील से 150 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। जलस्तर कम होने से विद्युत उत्पादन प्रभावित होने लगा है। वर्तमान में टीएचडीसी टिहरी बांध से 4.50 मिलियन यूनिट और कोटेश्वर बांध से 2.50 मिलियन यूनिट ही विद्युत उत्पादन कर रही है। टीएचडीसी इन दिनों तीन घंटे सुबह और तीन घंटे शाम को चार के बजाए तीन टरबाइन ही चला रही है।

टीएचडीसी के महाप्रबंधक (प्लानिंग) संदीप अग्रवाल का कहना है कि गर्मी के दिनों में बारिश कम होने कारण जलस्तर घटना स्वाभाविक है, जिसका असर विद्युत उत्पादन पर भी पड़ता है। मानसून सीजन शुरू होने के बाद जलस्तर भी बढ़ने लगता है। आम दिनो में विद्युत उत्पादन 25 से 30 मिलियन यूनिट होता है। गर्मी के सीजन में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, चंडीगढ़ आदि राज्यों को सिंचाई और पीने के लिए पानी मुहैया करवाना बड़ी चुनौती है।