मुरादाबाद: 3.25 मीटर चौड़ी सड़क पर शिक्षण संस्थान को जारी कर दी एनओसी

अधिकारों की अंधेरगर्दी

 मुरादाबाद: 3.25 मीटर चौड़ी सड़क पर शिक्षण संस्थान को जारी कर दी एनओसी

मुरादाबाद/अमृत विचार। अग्निशमन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र दिए जाने का मामला चर्चा में  है। विभाग ने नियम ताक पर रखकर एनओसी जारी कर दी है। सिविल लाइंस क्षेत्र में अधिकारियों ने आंख में पट्टी बांध कर उस शिक्षण संस्थान को एनओसी जारी की है, जो महज सवा तीन मीटर संकरी गली में है। 

सिविल लाइंस रेजीडेंसियल सोसायटी के लोगों ने गुरुवार को इस मामले में जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह व एसएसपी हेमराज मीना से मुलाकात की। उच्चाधिकारियों को बताया कि लाइफ डिजाइन स्कूल के प्रबन्धक फखरे आलम की यह व्यावसायिक गतिविधि उनके लिए समस्या बन गई है। आवासीय गली में शिक्षण संस्थान खोले जाने का विरोध करते हुए वास्तविक तथ्यों को छिपाकर वर्ष 2019 में प्रबंधन ने एमडीए की बगैर अनुमति भवन निर्माण कर लिया। गंभीर शिकायतों के आधार पर तत्कालीन जिलाधिकारी ने जांच समिति का गठन किया। 

जिला विद्यालय निरीक्षक व सीएफओ की रिपोर्ट के आधार पर 20 अगस्त 2020 को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षण संस्थान की मान्यता निरस्त कर दी। मान्यता निरस्त होने के बाद शिक्षण संस्थान प्रबंधन ने उच्च न्यायालय में वाद दाखिल किया। बाद में प्रबन्धन स्कूल की बजाय कोचिंग सेंटर की मान्यता हथियाने में जुटा। जिला विद्यालय निरीक्षक ने कोचिंग की मान्यता भी निरस्त कर दी। संकरी गली में स्थित शिक्षण संस्थान अग्निशमन का मानक भी पूरा नहीं करता। शिक्षण संस्थान सवा तीन मीटर चौड़ी गली में है। 

जबकि, अग्नि शमन विभाग छह मीटर चौड़ी सड़क पर स्थित व्यावसायिक संस्थानों को ही एनओसी जारी करता है। इसके इतर दिसंबर 2022 में अग्निशमन विभाग ने उक्त शिक्षण संस्थान को एनओसी जारी कर दी। एनओसी जारी होने की भनक लगते ही सोसायटी के वाशिंदों ने प्रशासनिक अधिकारियों का दरवाजा खटखटाया।

22 दिसंबर को जारी की गई एनओसी 
सिविल लाइंस रेजीडेंसियल सोसायटी ने एक शिक्षण संस्थान को मानक के विपरीत एनओसी जारी करने का गंभीर आरोप लगाया है। फायर विभाग की वेबसाइट की जांच से पता चलता है कि दागी शिक्षण संस्थान को 22 दिसंबर को फाइनल एनओसी जारी की गई है। एनओसी जारी करने का वक्त भी आरोपों को बल देता है। सनद रहे कि नवंबर 2022 तक अग्निशमन विभाग ने महज 25 लोगों को ही फाइनल एनओसी जारी की। नवंबर व दिसंबर माह में अचानक यह तादाद बढ़ कर 35 हो गई। महज दो माह के भीतर एनओसी हथियाने वालों की अचानक बढ़ी तादाद साबित करती है कि नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट को विभागीय अधिकारियों ने रेवड़ी बनाकर बांटा।

पूरी बात साहब ही बताएंगे
एनओसी के लिए स्थलीय सत्यापन करने वाले एफएसओ का इस सवाल पर गुरुवार को गला अचानक सूख गया। एफएसओ आरके सिंह से सवाल पूछा गया कि महज सवा तीन मीटर चौड़ी सड़क पर स्थित शिक्षण संस्थान को एनओसी कैसे जारी की गई। उन्होंने कहा कि शासन की नई गाइड लाइन के तहत एनओसी मुहैया कराई गई। हालांकि शासन की नई गाइड लाइन व नियम बताने से वह पल्ला झाड़ गए। एफएसओ ने कहा कि यह सवाल तो सीएफओ ही बता सकेंगे। 

जांच हुई तो खुलेगी गोलमाल की पोल 
एनओसी जारी करने में अचानक दरियादिल बने अग्निशमन विभाग का खेल फिलहाल रहस्य बन गया है। सूत्र बताते हैं कि उच्चाधिकारियों ने यदि मामले की तह तक जाने की जहमत मोल ली, तो पर्दे के पीछे के पूरे खेल का भंडाफोड़ हो जाएगा। जांच से यह बात भी साफ हो जाएगी कि जिम्मेदारों ने दायित्व दरकिनार कर दरियादिली क्यों दिखाई।

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