अयोध्या: मंदिरों में गूंज रही बधाइयां, जन्मोत्सव पर होंगे भव्य आयोजन 

रामनवमी पर 150 किलो पंजीरी व 40 लीटर पंचामृत से रामलला को लगेगा भोग

अयोध्या: मंदिरों में गूंज रही बधाइयां, जन्मोत्सव पर होंगे भव्य आयोजन 

अमृत विचार, अयोध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जन्मोत्सव से पहले ही मंदिरों में बधाइयां गूंज रही हैं। सुबह होते ही मंदिरों में भगवान के श्रृंगार, आरती के बाद धार्मिक आयोजनों का सिलसिला शुरू हो जाता है, जो शाम तक जारी रहता है। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी आयोजनों में शामिल हो रहे हैं। इधर, जन्मभूमि परिसर के अस्थायी मंदिर में भी प्रतिदिन बधाइयां गाई जा रही है। 30 मार्च को रामनवमी के दिन रामलला की भव्य आरती के बाद 150 किलो की चार प्रकार की पंजीरी, 40 लीटर पंचामृत, 15 किलो पेड़ा और 20 किलो फल का भोग लगाया जाएगा। 
      
अयोध्या के कनक भवन, जानकी महल, श्रीराम वल्लभा कुंज, मणिराम दास छावनी, बड़ा भक्त महल, राम हर्षण कुंज, विअहुति भवन, सद्गुरु सेवा सदन, लक्ष्मण किला, दशरथ भवन सहित दर्जनों मठ मंदिरों में श्रीराम जन्मोत्सव को लेकर राम कथा रामलीला तो कहीं रामचरितमानस के पाठ के आयोजन किए जा रहे हैं। दशरथ महल के महंत विंदुगद्दाचार्य देवेंद्र प्रसादाचार्य बताते हैं कि भगवान का जन्म उत्सव बहुत ही आनंदमय वातावरण में मनाया जा रहा है। मंदिरों में आने वाले श्रद्धालु बड़े उत्साह के साथ भगवान के भजन गा रहे हैं और नाच रहे हैं। रोज भगवान के सम्मुख बधाई गायन और तरह-तरह के आयोजन किए जा रहे हैं। भगवान रामलला के जन्म स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है ऐसे में इस वर्ष का उत्सव बहुत ही आनंददायी है, जिसे हम सभी लोग भाव विभोर होकर मना रहे हैं। 

रामलला को पहनाए जाएंगे हल्के पीले रंग के वस्त्र 
राम जन्मभूमि के अस्थाई मंदिर में जन्मोत्सव की खास तैयारी की गई है। मंदिर को फूलों से सजाया गया है। रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास बताते हैं कि भगवान रामलला के साथ भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न के नए वस्त्र बनाये गए हैं, जो हल्के पीले रंग के हैं। इन वस्त्र को गोटों से सजाया गया है। रामनवमी के दिन सुबह भगवान का पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा। प्रसाद भक्तों में वितरित किया जाएगा।

लेकिन मंदिरों तक जाने की राह आसान नहीं
अयोध्या में चल रहे विकास कार्य के कारण इस बार रामनवमी मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिरों तक पहुंचने की राह आसान नहीं होगी। सरयू नदी में स्नान करने के बाद हनुमानगढ़ी तक जाने वाले रामपथ और भक्ति पथ मार्ग पर निर्माण का कार्य चल रहा है। सड़क के किनारे बड़े-गड्ढे खोदे गए हैं। जिन राहों से श्रद्धालुओं को होकर गुजरना पड़ रहा है उन राहों पर भी कहीं टूटी-फूटी सड़क तो कहीं बजबजाती नालियों को पारकर श्रद्धालुओं को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है।


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