औरंगजेब और टीपू सुल्तान के पोस्टर को लेकर हिंसा पर पवार ने कहा- यह महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं
पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुगल बादशाह औरंगजेब और मैसूर के शासक टीपू सुल्तान का कथित तौर पर महिमामंडन करने वाले पोस्टर और सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर कोल्हापुर और कुछ अन्य स्थानों पर हुई हिंसा महाराष्ट्र की संस्कृति के अनुरूप नहीं है। पुणे से करीब 285 किलोमीटर दूर कोल्हापुर में मंगलवार को उस वक्त तनाव फैल गया जब कुछ लोगों ने 18वीं सदी के शासक टीपू सुल्तान की तस्वीर और एक आपत्तिजनक ऑडियो संदेश को कथित तौर पर अपने सोशल मीडिया ‘स्टेटस’ के रूप में रखा। इसके अगले दिन दक्षिणपंथी संगठनों ने शिवाजी चौक पर विरोध प्रदर्शन किया।
पुलिस को पथराव और हिंसा पर काबू के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन हुआ। हिंसा की विभिन्न घटनाओं को लेकर 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पवार ने बारामती में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, जहां ऐसी घटनाएं हुई हैं, वहां एवं राज्य के लोगों को शांति बनाए रखनी चाहिए। दो-तीन स्थानों पर जो कुछ भी हुआ, वह महाराष्ट्र की संस्कृति के अनुरूप नहीं है। महाराष्ट्र एक शांति प्रिय राज्य है, और यहां के लोगों में कानून को अपने हाथ में लेने की प्रवृत्ति नहीं है।
राकांपा प्रमुख ने कहा, मैं उन लोगों से भी कहना चाहता हूं जो जानबूझकर विवाद पैदा करने की कोशिश करते हैं और जिसकी कीमत आम लोगों को चुकानी पड़ती है। मैं अपील करता हूं कि आम लोगों की भलाई के लिए सुनिश्चित करें कि ऐसी चीजें नहीं हों। लोगों को पुलिस के साथ पूरा सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोल्हापुर का एक समृद्ध इतिहास रहा है और छत्रपति साहू महाराज एवं ताराबाई के महान आदर्शों को याद करके शांति स्थापित करनी चाहिए। पवार ने कहा, आम लोगों के हितों की रक्षा होनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि अगर ज्यादातर लोगों और राज्य सरकार द्वारा विवेकपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया गया तो स्थिति बदल जाएगी। मुझे यकीन है कि यह तस्वीर बदलेगी।
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