बरेली कॉलेज में पकड़ा गया बिना फीस परीक्षा फार्म जमा करने का खेल

विद्यार्थी परिषद के कथित कार्यकर्ता को रंगे हाथों पकड़कर पुलिस को सौंपा, बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा होने की आशंका

बरेली कॉलेज में पकड़ा गया बिना फीस परीक्षा फार्म जमा करने का खेल

बरेली, अमृत विचार। बरेली कॉलेज में प्राचार्य की आईडी और पासवर्ड के जरिए स्नातक और परास्नातक की प्राइवेट परीक्षा के सैकड़ों फार्म बगैर फीस जमा कर दिए जाने की आशंका है। सोमवार को यह खेल तब पकड़ा गया जब कथित रूप से विद्यार्थी परिषद के एक कार्यकर्ता को फीस अदायगी की फर्जी रसीद के साथ कई फार्म जमा करने की कोशिश करने के दौरान धर लिया गया। आरोपी को बारादरी पुलिस के सुपुर्द कर तहरीर भी दी गई है। पूछताछ के दौरान उसने इस खेल में एक कैफे संचालक के साथ कई छात्र नेताओं के शामिल होने की बात उगली है।

चीफ प्रॉक्टर प्रो. आलोक खरे ने बताया कि सोमवार दोपहर बीएससी का छात्र नितिन निवासी शिवाजी नगर हरुनगला चार छात्रों के प्राइवेट परीक्षा फार्म जमा करने कॉलेज पहुंचा था। काउंटर पर बैठे कर्मचारी मनोज सिंह को उसने फीस जमा करने की जो रसीद दी, उसका बार कोड कई बार कोशिश करने के बावजूद स्कैन नहीं हुआ तो कर्मचारी को शक हुआ। ध्यान से देखने पर उसने पाया कि रसीद का रंग अलग है। वैध रसीद पर बरेली कॉलेज का लोगो ब्लैक एंड व्हाइट होता है लेकिन नितिन जो रसीद लाया था, उस पर कलर्ड लोगो प्रिंट था। कर्मचारी ने नितिन को रोककर प्राचार्य प्रो. ओपी राय को जानकारी दी। प्राचार्य ने उसे बुलाकर सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने फर्जीवाड़े का सारा खेल उगल दिया। प्राचार्य ने इसके बाद बारादरी थाना प्रभारी को सूचना दी और फिर नितिन को पुलिस के हवाले कर दिया। छात्र के पास से आकाश सिंह, पवन गौतम आदि छात्रों के फार्म मिले हैं।

पूछताछ के दौरान नितिन ने बताया कि वह इससे पहले 10-12 छात्रों के फार्म जमा कर चुका है। हालांकि कॉलेज प्रशासन को आशंका है कि इस तरह का फर्जीवाड़ा करके अब तक सैकड़ों फार्म जमा किए गए होंगे। दरअसल बरेली कॉलेज में पिछले साल 17 हजार व्यक्तिगत परीक्षा फार्म जमा किए गए थे। इस बार भी अब तक करीब 10 हजार जमा किए जा चुके हैं। आशंका है कि फर्जीवाड़े के इस खेल के जरिए कॉलेज को अच्छीखासी चपत लगाई गई है।

बड़े रैकेट की आशंका, नितिन को एक फार्म जमा करने पर मिलते थे 50 रुपये
बरेली कॉलेज में पकड़े गए छात्र नितिन से पूछताछ करने से साफ हुआ कि इस फर्जीवाड़े में उसकी हैसियत एक गुर्गे की ही थी। उसने बताया कि एक साइबर कैफे संचालक और कई छात्र नेताओं की मदद से वह फार्म जमा करता था। उसने कई लोगों के नाम भी बताए लेकिन अभी यह साफ नहीं हुआ है कि इस फर्जीवाड़े में किसकी क्या भूमिका थी। नितिन ने बताया कि सभी फार्म एक ही साइबर कैफे से भरे गए हैं। उसे एक फार्म जमा करने के लिए 50 रुपये दिए जाते हैं। उसने अपने साथ आए छात्रों से फार्म जमा करने का शुल्क भी लिया था। 

चीफ प्रॉक्टर ने बताया कि स्नातक की प्राइवेट परीक्षा का फार्म फॉरवर्ड करने की फीस 525 और परास्नातक की 625 रुपये है। उधर, विद्यार्थी परिषद की अवनि यादव ने बताया कि नितिन का उनके संगठन से कोई लेनादेना नहीं है। वह कॉलेज प्रशासन से मांग करेंगी कि इस मामले की जांच कराकर दोषी छात्रों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

कॉलेज के ही किसी कर्मचारी पर आईडी और पासवर्ड लीक करने का शक
बरेली कॉलेज में आठ काउंटर पर परीक्षा फार्म जमा किए जाते हैं। इन काउंटर पर रहने वाले कर्मचारियों के पास प्राचार्य की आईडी और पासवर्ड भी होता है। इस कारण यह तय माना जा रहा है कि किसी कर्मचारी ने ही प्राचार्य की आईडी और पासवर्ड लीक किया है। इसी के जरिए कैफे से फार्म फारवर्ड करने के बाद फर्जी रसीद दिखाकर कॉलेज में फार्म जमा कर दिए गए। प्राचार्य ने बताया कि मामले की गबन जांच कराई जाएगी। यह भी पता किया जा रहा है कि आईडी और पासवर्ड कैसे और कहां से लीक हुआ।

छात्र भुगतेंगे खामियाजा, गलत तरह से भरे गए फार्म रद्द करने का फैसला
बरेली कॉलेज में अब तक जमा होने वाले प्राइवेट परीक्षा फार्म और फारवर्ड परीक्षा फार्मों का मिलान किया जाएगा। प्राचार्य ने इस संबंध में परीक्षा नियंत्रक डॉ. बीनम सक्सेना को निर्देश दिए हैं। इन फार्मों की सूची विश्वविद्यालय को भी भेजी जाएगी ताकि गलत तरीके से भरे और जमा किए गए छात्राें की परीक्षा पर रोक लगाई जा सके। प्राचार्य ने परीक्षा नियंत्रक को तुरंत पासवर्ड भी बदलने के निर्देश दिए। यह भी कहा है कि नियमित अंतराल के बाद लगातार पासवर्ड में बदलाव किया जाए।

प्राइवेट परीक्षा फार्म फर्जी रसीद के जमा करने का खेल पकड़ा गया है। छात्र को पुलिस के हवाले कर दिया गया है। आईडी पासवर्ड लीक करने में कोई कर्मचारी शामिल हो सकता है। इसकी जांच कराई जाएगी-प्रो. ओपी राय, प्राचार्य बरेली कॉलेज।

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