कालाढूंगी: जलवायु परिवर्तन से लीची, आम व कटहल की फसल प्रभावित
कालाढूंगी, अमृत विचार। जलवायु परिवर्तन से इस वर्ष लीची, आम व कटहल की फसल का उत्पादन बहुत कम होने के आसार हैं। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो सकता है।
कालाढूंगी-कोटाबाग व चकलुवा क्षेत्र लीची की पैदावार के लिए जाना जाता है। आम, लीची के बौर कम आने से उत्पादकों व ठेकेदारों को आर्थिक नुकसान की चिंता सताने लगी है। विकासखंड कोटाबाग में 435 हेक्टेयर में आम, लीची व कटहल की फसल होती है। इसमें कालाढूंगी, कोटाबाग, बैलपड़ाव व चकलुवा के ग्रामीण क्षेत्र आते हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण लीची में बौर की जगह कलियां उभर आई हैं, जिससे लीची का उत्पादन कम होगा।
जलवायु परिवर्तन से लंगड़ा, आम्रपाली, दशहरी व कलमी आमों की प्रजातियों में एक साथ बौर आ गया है। अमूमन पहले कलमी, दशहरी व बाद में लंगड़ा, चौसा व सबसे बाद में आम्रपाली आम में बौर आता है। वहीं कटहल की फसल पर भी मौसम की मार पड़ी है जिससे उत्पादन कम हुआ है।
काश्तकार रामू अटवाल, अनिल वालिया, विपिन जोशी, बहादुर खोलिया, राम सिंह बोरा, आनंद सिंह, जीवन जलाल, राजू, प्रवीण ने बताया कि जनवरी, फरवरी ठंड व गर्म मौसम ने फसल को प्रभावित किया है। उद्यान विभाग के अधिकारी श्याम लाल ने बताया कि जलवायु परिवर्तन से आम, लीची व कटहल की फसलें प्रभावित हुई हैं।