सुलतानपुर: कोर्ट ने पुलिस की क्लीन चिट रिपोर्ट की रद्द, फिर से विवेचना के दिए आदेश, जानें क्या है मामला? 

सुलतानपुर: कोर्ट ने पुलिस की क्लीन चिट रिपोर्ट की रद्द, फिर से विवेचना के दिए आदेश, जानें क्या है मामला? 

सुलतानपुर, अमृत विचार। गोसाईगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में सात साल पूर्व अनुसूचित जाति की महिला से दुराचार और गाली गलौज कर अपमानित करने के मामले में दाखिल पुलिस की फाइनल रिपोर्ट को विशेष न्यायाधीश त्रिभुवन नाथ पासवान ने निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने विवेचक को मामले में फिर से विवेचना करने का आदेश दिया है।

थाना क्षेत्र की एक अनुसूचित जाति की महिला से सामूहिक दुराचार के आरोप में भरथीपुर निवासी विजय शंकर पांडेय और आदर्श उर्फ लल्ला मिश्र पर 20 अगस्त 2017 को सामूहिक दुराचार करने के आरोप में पीड़िता के परिजनों ने मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें पुलिस ने विवेचना के बाद आरोपियों को क्लीन चिट देते हुए मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी थी, जिसे अधिवक्ता अजीजुर्रहमान के जरिए पीड़ित पक्ष ने चुनौती दी थी। न्यायालय ने तर्कों  के आधार पर पुलिस की फाइनल रिपोर्ट रद्द कर मामले में दोबारा विवेचना करने का आदेश दिया है।

सेशन कोर्ट ने लोअर कोर्ट के आदेश को किया बहाल

सुलतानपुर, अमृत विचार: अमेठी जिले के गौरीगंज थाने के चतुरीपुर गांव से निवासी राजबहादुर के खिलाफ वन विभाग ने सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर किया था।  आरोप था कि 10 जनवरी 2017 को आरोपी के कब्जे से  6343 कछुआ बयामद किया गया था । 

विभाग के अधिवक्ता एमपी त्रिपाठी ने बताया कि 17 अप्रैल 2019 को सीजेएम ने आरोपी राज बहादुर को 3 वर्ष व 20 हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई थी। सजा के खिलाफ आरोपी ने सेशन कोर्ट में  चुनौती दी थी। अपर जिला जज अभय श्रीवास्तव ने अपील खारिज कर सजा बहाल कर दी।

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