शाहजहांपुर: अब किशोर नहीं उठा सकेंगे प्रत्याशियों का झंडा

शाहजहांपुर: अब किशोर नहीं उठा सकेंगे प्रत्याशियों का झंडा

शाहजहांपुर,अमृत विचार। इस बार लोक सभा चुनाव में किशोर और बालक प्रत्याशियों का झंडा नहीं उठा सकेंगे। निर्वाचन आयोग ने पूरी तरह रोक लगा दी है। सख्त निर्देश हैं कि अगर किसी भी प्रत्याशी ने बच्चे या किशोर से काम कराया तो उसके खिलाफ बाल श्रम अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

जिले पर गाइडलाइन आने के बाद राजनीतिक पार्टियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इस बार चुनाव में बच्चे प्रचार-प्रसार करते हुए दिखाई नहीं देंगे। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार लोकसभा चुनाव-2024 में मतदाताओं को अपनी ओर रिझाने के लिए कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार चुनाव प्रचार में किसी भी नाबालिग बच्चे का इस्तेमाल नहीं कर सकता है।

सभी राजनीतिक दलों व उम्मीदवारों को बाल श्रम (निषेध और विनियमन) का कड़ाई से पालना करना होगा। आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ निर्वाचन आयोग की ओर से अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में निर्वाचन आयोग ने निर्देश भी जारी किए हैं।

उप जिला निर्वाचन अधिकारी एडीएम प्रशासन संजय कुमार पांडेय ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने किसी भी चुनाव-संबंधी गतिविधी में बच्चों के इस्तेमाल के संबंध में सख्त निर्देश जारी किए हैं। राजनीतिक दलों को निर्देश हैं कि वह किसी भी रूप में चुनाव अभियानों में नाबालिग बच्चों का उपयोग न करें, जिसमें पोस्टर/पंफ्लेट के वितरण के अलावा नारेबाजी, रैलियां, चुनावी बैठकें आदि शामिल है।

आयोग ने बच्चों के उपयोग के प्रति शून्य सहनशीलता का संदेश दिया है। स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए हैं कि वह बच्चों को किसी भी प्रकार के चुनाव अभियान में शामिल न करें। राजनीतिक नेताओं और उम्मीदवारों को किसी भी तरह से प्रचार गतिविधियों के लिए बच्चों का उपयोग नहीं करना चाहिए, जिसमें प्रचार-प्रसार के दौरान बच्चे को गोद में लेना, वाहन में बच्चे को ले जाना या रैलियों में प्रतिभाग करना शामिल है।

चुनाव प्रचार प्रक्रिया में वोट हासिल करने के लिए नाबालिग बच्चों से कविता, गीत, बोले गए शब्दों के माध्यम से उपयोग करना व प्रतीक चिह्न भी निषेध है।

रैलियों में शामिल नहीं होंगे बच्चे
आयोग की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि नेताओं और उम्मीदवारों को प्रचार गतिविधियों में बच्चों का इस्तेमाल किसी भी तरीके से नहीं करना चाहिए, चाहे वे बच्चे को गोद में उठा रहे हों या वाहन में या फिर रैलियों में बच्चे को ले जाना हों। इसके बाद भी अगर कोई प्रत्याशी बच्चों का इस्तेमाल चुनाव के दौरान करता है तो उसके खिलाफ बाल श्रम की धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।

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