बरेली: खर्चा सबसे कम और जीत गए संतोष गंगवार दो चुनाव, जानिए 2014-19 में किस प्रत्याशी ने किया कितना खर्च?

बरेली: खर्चा सबसे कम और जीत गए संतोष गंगवार दो चुनाव, जानिए 2014-19 में किस प्रत्याशी ने किया कितना खर्च?

बरेली, अमृत विचार: लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में भाजपा के प्रत्याशी रहे संतोष गंगवार ने अपने प्रचार पर प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी से काफी कम खर्च किया लेकिन वोट काफी ज्यादा पाए। दोनों चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे प्रवीण सिंह ऐरन ने सर्वाधिक खर्च किया लेकिन एक चुनाव में चौथे और दूसरे में तीसरे नंबर पर रहे। चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल किए गए ब्योरे के मुताबिक दोनों चुनावों में सभी प्रत्याशियों का सबसे ज्यादा खर्च जनसंपर्क के लिए किराए के वाहनों पर ही हुआ।

लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण सिंह ऐरन ने अपने चुनाव प्रचार पर करीब 60 लाख रुपये का खर्च दिखाया था। उनकी ओर से जो ब्योरा दाखिल किया गया, उसके मुताबिक उन्होंने जनसभा रैली और जुलूस में इस्तेमाल की गई प्रचार सामग्री पर 40,879 रुपये का खर्च किया।

जनसंपर्क के लिए गाड़ियों से गांव-गांव जाने के लिए 16 लाख चार हजार 618 रुपये का खर्च दिखाया गया। इसके अलावा समर्थकों के भोजन, नाश्ता और उनकी गाड़ियों में तेल पर भी लाखों रुपये का खर्च दिखाया गया। ब्योरे में उन्होंने करीब 58 लाख का चंदा भी मिलने की बात कही है। इस चुनाव में करीब 74 हजार वोट पाकर ऐरन तीसरे नंबर पर रहे थे।

बसपा-सपा गठबंधन के प्रत्याशी रहे भगवत सरन गंगवार ने चुनाव में करीब 30.2 लाख रुपये ही खर्च किए। इसमें करीब दो लाख रुपये उन्हें पार्टी की ओर से दिए गए तो समर्थकों से भी करीब 7.84 लाख रुपये का चंदा मिला। भगवत सरन ने भी 11.1 लाख रुपये से ज्यादा रकम गाड़ियों और उसके ईंधन पर खर्च की। ब्योरे के मुताबिक हैंडबिल, पैंफलेट, कटआउट और होर्डिंग जैसी चुनाव प्रचार सामग्री पर उन्होंने 3.83 लाख रुपये खर्च किए थे।

भाजपा के संतोष गंगवार ने अपने पूरे चुनाव पर करीब 51.8 लाख रुपये ही खर्च किए। गाड़ियों और उनके लिए ईंधन पर उन्होंने भी सबसे ज्यादा करीब 13 लाख की रकम खर्च की और गांव-गांव जाकर वोट मांगे। जनसभा, रैलियों और जुलूसों पर 34 हजार और स्टार प्रचारकों की सभा और रैली कराने में 5.61 लाख का खर्च किया। प्रचार सामग्री पर करीब 3.82 लाख का खर्च हुआ। उन्हें चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ने कोई चंदा नहीं दिया। कुछ संस्थाओं ने जरूर उन्हें करीब 3.78 लाख का चंदा दिया।

लोकसभा चुनाव 2014 में भी भाजपा के संतोष गंगवार ने सबसे कम खर्च कर सबसे ज्यादा वोट पाए। तब भी सबसे ज्यादा खर्च कांग्रेस के ऐरन ने किया था। उन्होंने इस चुनाव में 48 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किया और चौथे नंबर पर रहे। इसमें से 26.4 लाख का खर्च सिर्फ प्रचार वाहनों पर हुआ था। बसपा से चुनाव लड़े उमेश गौतम तीसरे नंबर पर रहे थे लेकिन चुनावी खर्च में वह भी संतोष गंगवार से आगे थे। 

उन्होंने कुल 43.48 लाख का खर्च किया। इसमें से 25.54 लाख का खर्च प्रचार वाहनों पर किया गया था। दूसरे नंबर पर रही सपा प्रत्याशी आयशा इस्लाम ने 27.9 लाख में ही पूरा चुनाव निपटाया जिसमें से 22.46 लाख प्रचार वाहनों पर खर्च किया। चुनाव जीते भाजपा के संतोष गंगवार ने करीब 39 लाख खर्च किएथे। इसमें करीब 12.9 लाख प्रचार वाहनों पर खर्च किया गया था।

चुनाव प्रचार की मद में ये खर्च थे शामिल
स्टार प्रचारकों की रैली जुलूस, जनसभा, रैली में प्रयोग होने वाली प्रचार सामग्री, केबल नेटवर्क, सोशल मीडिया, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, भारी संख्या में एमएमएस भेजने, कार्यकर्ताओं के भोजन, कार्यालय किराया, कार्यालय का दैनिक खर्च,चाय नाश्ता और भोजन पर खर्च को ब्योरे में शामिल किया गया था।

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