Video: बच्चे हो रहे गंभीर बीमार, डॉक्टर बोले माता-पिता सुबह न करें यह काम, सरकार को लिखेंगे पत्र

 Video: बच्चे हो रहे गंभीर बीमार, डॉक्टर बोले माता-पिता सुबह न करें यह काम, सरकार को लिखेंगे पत्र

लखनऊ, अमृत विचार। सुबह बच्चों की नींद पूरी नहीं होती और मौजूदा दौर में अधिकतर माता-पिता बच्चों को स्कूल भेज देते हैं। बोझिल आंखों के साथ नौनिहाल स्कूल पहुंचते हैं। इतना ही नहीं बहुत से बच्चे सुबह शौंच क्रिया किये बिना स्कूल चले जाते हैं। वहीं माता-पिता स्कूल जाने से पहले बच्चों को बिना भूख के ही जबरन नाश्ता करा देतें हैं, जिससे आगे चलकर बच्चों को पेट की गंभीर बीमारी हो जाती है। यह जानकारी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्रो.नरसिंह वर्मा ने दी है। वह क्रोनोमेडिसिन विषय पर आधारित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि मौजूदा दौर में जानकारी के आभाव में बहुत से बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है। कैरियर की चाह में बच्चों का स्वास्थ्य खराब किया जा रहा है। जब स्वास्थ्य ही नहीं होगा तो सफलता किस काम की। बच्चों के स्वास्थ्य के साथ हो रहे खिलवाड़ में स्कूलों की भूमिका को भी नकारा नहीं जा सकता। मौजूदा समय में बच्चे रात का खाना देर से खाते हैं, सोने का समय भी बदला है। जिससे सुबह उनकी नींद नहीं पूरी होती और सात बजे स्कूल भी पहुंचना होता है। यदि स्कूल का समय सुबह 10 बजे से हो जाये। तो बच्चे नित्य क्रिया आसानी से पूरी कर सकेंगे। जिसके बाद उनकी सेहत भी ठीक रहेगी और पढ़ाई भी अच्छी होगी। स्कूलों का समय बदले इसके लिए सरकार को पत्र लिखने की भी तैयारी है।

सुबह सबसे पहले आंतों का साफ होना जरूरी

डॉ. नरसिंह वर्मा बताते हैं कि यदि बिना नित्य क्रिया पूरी किये बच्चे को कुछ खिला देंगे और वह खाने के बाद शौंच जायेगा। तो आगे चल कर उसे पेट की गंभीर बीमारी हो जायेगी। उन्होंने बताया कि जिसका इलाज पूरी जिंदगी करना पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि बहुत से मरीज उनके पास इलाज के लिए आते हैं। जिन्हें भोजन के बाद शौंच जाने की समस्या है। जब वह भोजन करते हैं तब उन्हें शौच जाना पड़ता है।  यह मानव बिहैवियर डिजीज है और इसे गैस्ट्रोकोलिक बीमारी कहते हैं।

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