12 करोड़ के बजट से निपट रहा लोकसभा चुनाव, डेढ़ करोड़ तो सिर्फ मतदान कर्मियों पर होंगे खर्च

12 करोड़ के बजट से निपट रहा लोकसभा चुनाव, डेढ़ करोड़ तो सिर्फ मतदान कर्मियों पर होंगे खर्च

बाराबंकी, अमृत विचार। लोकसभा चुनाव संपंन कराने के लिए इस बार जिला प्रशासन को करीब 12 करोड़ रुपये का बजट मिला है। बजट की इस धनराशि से चुनाव में लगे मतदान कार्मिकों के मेहनताना से लेकर ईंधन, स्टेशनरी व बूथ आदि को तैयार करने में खर्च किया जा रहा है। जिला निर्वाचन मजिस्ट्रेट सत्येंद्र कुमार की देखरेख में निर्वाचन विभाग टेंडर आदि के माध्यम से संबंधित फर्मों को भारत निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के आधार पर भुगतान करेगा। इस बजट में मतगणना की तैयारियों में खर्च होने वाली धनराशि भी शामिल है।

हर पांच वर्ष के अंतराल पर लोकसभा व विधानसभा चुनाव होते हैं। हर चुनाव में भारी भरकम धनराशि खर्च होती है। इस बार के लोकसभा चुनाव में जिला प्रशासन को 12 करोड़ रुपये का बजट मिला है। इस बजट से मतदान के साथ मतगणना भी करानी है। केंद्र सरकार द्वारा इस आवंटित बजट से चुनाव कराने वाले कार्मिकों को आयोग द्वारा निर्धारित मेहनताना की धनराशि दी जाएगी। इस पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये खर्च होेने का अनुमान है। वहीं चुनाव में लगे छोटे-बड़े वाहनों के ईंधन पर भी कई करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा लाखों की धनराशि स्टेशनरी आदि पर खर्च हो रही है। वहीं बूथों को तैयार करने में भी इसी बजट का सहारा लिया जाता है चूकिं चुनाव गर्मी में पड़ने से अधिक खर्च का  अनुमान रहता है। पंडाल व पंखे, कूलर आदि की भी व्यवस्था कराई जाती है। जिला निर्वाचन अधिकारी सत्येंद्र कुूमार की देखरेख में निर्वाचन विभाग संबंधित फर्माें को गाइडलाइन के अनुसार कई स्तर से पत्रावलियों की जांच के बाद भुगतान करता है।  

सबसे अधिक पीठासीन अधिकारियों को मिलेगा चुनाव ड्यूटी का पैसा
चुनाव में पीठासीन अधिकारी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। इसलिए इन्हें भत्ता भी सबसे अधिक मिलेगा। पोलिंग पार्टी रवानगी के दिन ही बैंक खाते में धनराशि भेजी जाएगी। प्रथम, द्वितीय और तृतीय अधिकारी को भत्ता मिलेगा। साथ ही हल्का नाश्ते के लिए सिर्फ 150 रुपये अलग से दिए जाएंगे। पीठासीन अधिकारी को हल्का नास्ता सहित 1550 रुपये मिलेंगे। जबकि मतदान कर्मचारी प्रथम को 1150 रुपये तो मतदान कर्मचारी द्वितीय को 900 और मतदान कर्मचारी तृतीय को 850 रुपये मिलेंगे। इसी तरह रिजर्व कार्मिकों की बात करें तो पीठासीन को 850,मतदान कर्मचारी प्रथम और द्वितीय को 650-650 और मतदान कर्मचारी तृतीय को 450 रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा वीडियाे ग्राफी कार्मिक, सेक्टर, जोनल, स्टैटिक मजिस्ट्रेट,  आरओ, एआरओ सहित मतगणना कार्मिक, पर्यवेक्षक, सुपरवाइजर को नकद नहीं उनके बैंक खाते में पैसा भेजा जाएगा। लोकसभा में करीब 18 हजार से अधिक मैनपावर लगेगा। इन्हें चुनाव आयोग मानदेय देता है। विभागवार कार्मिकों की फीडिंग के दौरान ही सेलरी अकाउंट दर्ज कर दिया गया है। ऐसे में मैनपावर पर ही करीब डेढ़ करोड़ या उससे अधिक की धनराशि खर्च होगी।

स्टेशनरी व ईंधन पर भी खर्च होंगे करोड़ों
पोलिंग पार्टियों को चुनाव साग्रमी के बस्ते के साथ निर्वाचन कार्य में काफी स्टेशनरी आदि का प्रयोग होता है। फर्म के द्वारा स्टेशनरी का सामान निर्धारित रेट के हिसाब से निर्वाचन विभाग को  उपलब्ध कराया जाता है। इस पर भी लाखों की धनराशि खर्च होगी। वहीं चिन्हित 13 पेट्रोल पंपों से लिए जा रहे ईंधन का भुगतान भी करोड़ों में होने की उम्मीद है। चुनाव में छोटी-बड़ी मिलाकर तीन हजार से अधिक वाहन लगे हैं। कुछ वाहन डीजल व पेट्रोल तो कुछ वाहन सीएनजी युक्त है। आयोग ने वाहनों को ईंधन देने को लेकर भी मात्रा व दर एवरेज के आधार पर तय की है।

लोकसभा चुनाव काे लेकर करीब 12 करोड़ का बजट मिला है। इससे चुनाव में लगे कार्मिकों को मानदेय के साथ वाहनों के ईंधन, स्टेशनरी, नाश्ता आदि पर गाइडलाइन के आधार खर्च किया जाएगा। कार्मिकों के बैंक खाते में मानदेय भेजा जाएगा। --सुनील पांडेय, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी, बाराबंकी।

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