UP: मेरठ का अमीनाबाद बना यूपी का पहला सैनिटरी पैड मुक्त गांव, महिलाओं को मिला डिस्पोजबल सैनिटरी पैड से छुटकारा

UP: मेरठ का अमीनाबाद बना यूपी का पहला सैनिटरी पैड मुक्त गांव, महिलाओं को मिला डिस्पोजबल सैनिटरी पैड से छुटकारा

कानपुर, अमृत विचार। आईआईटी कानपुर, एसआईआईसी-इनक्यूबेटेड स्टार्टअप माइल्डकेयर्स ने मेरठ के अमीनाबाद गांव को यूपी का पहला सैनिटरी पैड मुक्त गांव बना दिया है। स्टार्टअप माइल्डकेयर्स की ओर से पूरे गांव की महिलाओं को मासिक धर्म कप वितरित किया गया था। इस उत्पाद से गांव की सभी महिलाओं को पूरी तरह से डिस्पोजबल सैनिटरी पैड से छुटकारा मिल गया है।

विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर की ओर से इनक्यूबेट किए गए स्टार्टअप माइल्डकेयर्स ने अमीनाबाद उर्फ बड़ागांव गांव में अपने उत्पाद गाइनोकप मासिक धर्म कप का वितरण किया था। इस पहल ने गांव की महिलाओं को मासिक धर्म कप का उपयोग करने में सहायता की। इससे उत्तर प्रदेश के पहले ‘सैनिटरी पैड-मुक्त गांव’ के रूप में आधिकारिक घोषणा की गई है। 

यूपी के पहले गांव होने की घोषणा के रूप में संस्थान के सदस्यों को ब्लॉक अधिकारियों की ओर से प्रमाण पत्र भी दिया गया है। संस्थान की इस उपलब्धि पर एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर के सीईओ डॉ. निखिल अग्रवाल ने बताया कि ‘पुनः प्रयोज्य मासिक धर्म कप’ का उपयोग करने से अपशिष्ट में कमी आती है। इससे पर्यावरण पर इसका प्रभाव काफी कम होता है।

शिक्षा व जागरुकता जरूरी 

माइल्डकेयर्स की सह-संस्थापक और स्विच2कप पहल की प्रमुख रचना व्यास ने कहा कि ‘अमीनाबाद उर्फ बड़ागांव’ की सफलता व्यापक शिक्षा और सामुदायिक भागीदारी के प्रभाव को दर्शाती है। किसी भी अभियान के लिए शिक्षा जागरुकता जरूरी है। 

इससे अन्य क्षेत्रों को भी स्थायी मासिक धर्म स्वास्थ्य प्रथाओं को अपनाने की प्रेरणा मिलेगी। मासिक धर्म कप सैनिटरी पैड की तुलना में कई फायदे देते हैं। यह उत्पाद न केवल लागत प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि एक सुरक्षित और अधिक स्वच्छ विकल्प भी प्रदान करते हैं।

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