78th World Health Assembly : भारत ने Traditional Medicine का किया स्वागत, दोहरायी पारंपरिक चिकित्सा की प्रतिबद्धता 

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Published By Anjali Singh
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नई दिल्ली। भारत ने 78वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) की वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा रणनीति के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी है। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने मंगलवार को यहां बताया कि जिनेवा में आयोजित 78 वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में ‘स्वास्थ्य के लिए एक विश्व’ की विषयवस्तु के अंतर्गत भारत ने स्वास्थ्य सेवा के लिए एकीकृत दृष्टिकोण में पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को मजबूत करने के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहरायी है। 

जेनेवा में संयुक्त राष्ट् में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अरिंदम बागची ने ‘नयी डब्ल्यूएचओ वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा रणनीति 2025-2034’ को अपनाने का स्वागत किया और राष्ट्रीय तथा वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे में साक्ष्य-आधारित पारंपरिक प्रक्रियाओं को शामिल करने के भारत के प्रयासों का उल्लेख किया। 

बागची ने कहा कि आयुर्वेद, योग, यूनानी और सिद्ध जैसी वैज्ञानिक रूप से मान्य पारंपरिक प्रणालियों के साथ आधुनिक चिकित्सा के एकीकरण की विशेषता वाले भारत के दृष्टिकोण को अन्य देशों के लिए एक व्यावहारिक मॉडल के रूप प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछली डब्ल्यूएचओ पारंपरिक चिकित्सा रणनीति (2014-2023) को लागू करने में मजबूत नेतृत्व किया है। 

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