ED ने किया भोसले और छाबरिया की संपत्तियों को जब्त, जानें पूरा मामला

ED ने किया भोसले और छाबरिया की संपत्तियों को जब्त, जानें पूरा मामला

पुणे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को येस बैंक-डीएचएफएल गबन मामले में पुणे के व्यवसायी अविनाश भोसले और बिल्डर संजय छाबरिया की 415 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली। इसके साथ ही ईडी ने अभी तक इस मामले में 1827 करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त कर लिया है। येस बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष …

पुणे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को येस बैंक-डीएचएफएल गबन मामले में पुणे के व्यवसायी अविनाश भोसले और बिल्डर संजय छाबरिया की 415 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली। इसके साथ ही ईडी ने अभी तक इस मामले में 1827 करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त कर लिया है। येस बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष राणा कपूर ने डीएफएफएल को 3983 करोड़ का ऋण दिया था। इसके अलावा कपूर परिवार के नियंत्रण वाली डूइट अर्बन वेंचर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 600 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया।

इसके बाद येस बैंक ने बांद्रा रिक्लेमेशन प्रोजेक्ट के लिए डीएचएफएल के एक समूह आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को 750 करोड़ रुपये का एक और ऋण दिया। यह ऋण राशि कपिल वाधवन और धीरज वाधवन के बीच बंट गयी थी। आरोपपत्र दाखिल होने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इसकी जांच की। इसमें भोसले को परामर्श शुल्क के रूप में 68 करोड़ रुपये मिले। उन्हें यह राशि 2018 में तीन परियोजनाओं के लिए मिली थी। इन परियोजनाओं से दो परियोजना संजय छाबरिया द्वारा बनायी गयी थी।

भोसले को वर्ली में एक झुग्गी झोपड़ी इलाके के पुनर्विकास परियोजना में परामर्श शुल्क भी मिला। जिसमें यह दिखाया गयाकि कि भोसले और अन्य कंपनियों से परियोजना की संभावित लागत, वास्तुशिल्प और इंजीनियरिंग डिजाइन, परियोजना निर्माण और अनुबंध, वित्तीय मूल्यांकन और संरचना के लिए उनसे परामर्श किया था। इसके अलावा डीएचएफएल से संजय छाबरिया के रेडियस ग्रुप द्वारा 2000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। जिसमें से 292 करोड़ रुपए भोसले तक पहुंचाये गए थे।

ये भी पढ़ें – महाराष्ट्र: शिंदे सरकार ने एक महीने में 751 सरकारी आदेश किए जारी