हल्द्वानी: 23 साल में 40 हजार बार धधकी देवभूमि, खाक हुई 600 करोड़ की संपत्ति

हल्द्वानी: 23 साल में 40 हजार बार धधकी देवभूमि, खाक हुई 600 करोड़ की संपत्ति

सर्वेश तिवारी, हल्द्वानी, अमृत विचार। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से अब तक राज्य के विभिन्न जिलों में करीब 40 हजार बार आग लग चुकी है। आग में 600 करोड़ रुपये की संपत्ति जलकर खाक होने का अनुमान है। शहरों में लगने वाली इस आग के बाद वनाग्नि भी सरकार के लिए चुनौती बनी हुई है। अप्रैल 2024 तक वनाग्नि के 5,710 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और जंगल अब भी धधक रहे हैं।

उत्तर प्रदेश से अलग होकर 9 नवंबर 2000 में उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ। सूचना का अधिकार अधिनियम में हुए खुलासे के मुताबिक वर्ष 2001 से 2022 के बीच राज्य के विभिन्न शहरों, कस्बों और गांवों के घरों में 37,287 बार आग लगी। इस अग्निकांड में 545.61 करोड़ रुपये की संपत्ति खाक हो गई। बड़ी बात यह है कि इन अग्निकांड में 262.66 करोड़ रुपये की संपत्ति को दमकल ने बचा भी लिया। आग की सबसे कम घटनाएं वर्ष 2005 में दर्ज की गईं।

इस वर्ष आग की सिर्फ 301 घटनाएं हुईं। जिसमें 1,28,79,120 रुपये के नुकसान का आंकलन किया गया। आग की सबसे ज्यादा घटनाएं वर्ष 2012 में हुईं और इस साल 3314 बार आग लगी। जबकि राज्य गठन के पहले वर्ष में आग की सिर्फ 630 घटनाएं दर्ज की गई थीं। इस वर्ष 4,12,18,334 रुपये की संपत्ति के जलने का अनुमान लगाया गया था। यानी बढ़ते वर्ष के साथ-साथ आग और आग से होने वाला नुकसान भी बढ़ रहा है। वर्ष 2024 तक आग की 40 हजार घटनाएं हो चुकी हैं और इसमें 600 करोड़ की संपत्ति जल चुकी है। 

वर्ष 2023 में जिलेवार हुई वनाग्नि की घटनाएं
जनपद        घटनाएं
अल्मोड़ा         299
 बागेश्वर           75
चमोली            99
चम्पावत        120
देहरादून         48
गढ़वाल         378
हरिद्वार           42
नैनीताल        207
पिथौरागढ़     213
रुद्रप्रयाग        31
टिहरी गढ़वाल  115
ऊधमसिंह नगर     183
उत्तरकाशी         40


पांच साल में हुई वनाग्नि में हुआ नुकसान और मौतें
-  2019 में 2158 वनाग्नि की घटनाएं हुईं, जिसमें 2981.55 हेक्टेयर वन क्षेत्र चपेट में आया। इन हादसों में 15 लोग घायल हुए और 1 व्यक्ति व 6 वन्यजीवों की मृत्यु हो गई। इससे वन विभाग को 55 लाख 92 हजार के राजस्व का नुकसान हुआ और करीब 7000 हजार हरे पेड़ जल गए। 
- 2020 में वनाग्नि की 135 घटनाएं हुईं। जिसमें 172.69 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई। 2 लोगों की मौत हुई और 4 लाख 44 हजार रुपये का नुकसान हुआ।  
-  2021 तक वनाग्नि की 2813 घटनाएं हुईं, जिसमें 3944 हेक्टेयर जंगल खाक हो गया। 8 लोगों, 29 वन्यजीवों की मौत हुई। 3 लोग और 24 वन्यजीव घायल हुए। 1 लाख 20 हजार पेड़ जल गए और इस अग्नि से 1 करोड़ 6 लाख रुपये का नुकसान हुआ। 
- 2023 तक वनाग्नि की 2186 घटनाओं में 3226 हेक्टेयर वन भूमि चपेट में आई। 7 लोग घायल हुए और 2 लोगों की मौत हो गई। जबकि 39 हजार पेड़-पौधे जले और 89 लाख 25 हजार रुपये का नुकसान हुआ। 
- 1 नवंबर से 1 मई 2024 तक वनाग्नि की 761 घटनाएं हो चुकी हैं और 948.86 हेक्टेयर भूमि जल चुकी है। इसमें 4 लोग घायल हुए हैं।


नैनीताल जिले में वनाग्नि की घटनाओं पर तुरंत ही एक्शन लिया जा रहा है। लोगों से भी अपील की जा रही है कि वह वनाग्नि की घटनाओं पर तुरंत सूचना दें और अराजकतत्वों की भी जानकारी दें।
- निशांत वर्मा, अपर प्रमुख वन संरक्षक, वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन