किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे कपट और छल से धर्मांतरण: शिवराज सिंह चौहान

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Published By Om Parkash chaubey
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केसला (नर्मदापुरम)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज आदिवासियों के बीच कहा कि वे प्रदेश की धरती पर किसी भी कीमत पर कपट और छल से धर्मांतरण नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान नर्मदापुरम के केसला में आयोजित 'पेसा जागरूकता सम्मेलन' को संबोधित कर रहे थे।

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इस दौरान उन्होंने जनजातीय नायक बिरसा मुंडा, टंट्या मामा, शंकर शाह और रघुनाथ शाह को प्रणाम कर संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि वे प्रदेश की धरती पर किसी भी कीमत पर कपट और छल से धर्मांतरण नहीं होने देंगे। साथ ही चौहान ने कहा कि जहां-जहां पेसा कानून लागू हो रहा है वहां हर साल पटवारी और बीट गार्ड को ग्राम सभा में नक्शा, खसरा की नकल रखनी पड़ेगी, ताकि कोई किसी की जमीन हथिया न पाए।

कोई भी रेत, गिट्टी या पत्थर की खदान है अगर इसका सर्वे शासन को भी करना है तो ये बिना ग्राम सभा की सहमति के नहीं होगा। अनुसूचित क्षेत्र में खदानों में पहला हक होगा जनजातीय सोसाइटी का, दूसरा हक जनजातीय बहनों का और तीसरा हक कोई पुरुष अप्लाई करता है तो उसका होगा।

 चौहान ने कहा कि जितनी वनोपज होगी, अब जनजातीय लोगों का अधिकार है, वे इसको उठाएं, बीनें और उसके बाद ग्राम सभा ही प्रशासन से साथ मिलकर इसके रेट तय करेगी। उन्होंने कहा कि गांव से किसी मजदूर को काम करवाने बाहर ले जाना हो तो उसे गांव में अपना परिचय लिखवाने के बाद ही ले जाने की अनुमति मिलेगी, ताकि किसी श्रमिक को कोई परेशान न कर सके।

बिना गांव में नाम लिखाए अगर कोई ले गया तो कानून उसको कड़ी से कड़ी सजा देगा। मध्यप्रदेश में दो दिन पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में पेसा (अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायतों का विस्तार संबंधी अधिनियम) लागू हुआ है। श्री चौहान आज इसी अधिनियम के बारे में जागरुकता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

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