विजय दिवस पर राष्ट्रपति भवन में भारत के वीरों को सम्मान, द्रौपदी मुर्मू ने किया परमवीर दीर्घा का उद्घाटन

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Published By Deepak Mishra
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नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में परमवीर दीर्घा का उद्घाटन किया, जिसमें मातृभूमि के लिए प्राणों की आहुति देने वाले राष्ट्रीय नायकों के चित्र प्रदर्शित किए गए हैं। इस दीर्घा में परमवीर चक्र से सम्मानित सभी 21 विजेताओं के चित्र प्रदर्शित हैं। परमवीर चक्र भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान है जो युद्ध के दौरान असाधारण वीरता, साहस और बलिदान के लिए प्रदान किया जाता है। 

राष्ट्रपति भवन के एक बयान में कहा गया, "दीर्घा का उद्देश्य आगंतुकों को उन राष्ट्रीय नायकों के बारे में जानकारी प्रदान करना है जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा में अदम्य संकल्प और साहस का प्रदर्शन किया। यह उन वीर योद्धाओं को याद करने की भी एक पहल है जिन्होंने मातृभूमि की सेवा में अपने प्राणों की आहुति दी।"

जिन गलियारों में यह परमवीर दीर्घा बनाई गई है, वहां पहले ब्रिटिश सहायक अधिकारियों के चित्र लगे होते थे। भारतीय राष्ट्रीय नायकों के चित्र प्रदर्शित करने की यह पहल औपनिवेशिक मानसिकता को त्यागने और भारत की समृद्ध संस्कृति, विरासत और शाश्वत परंपराओं को गर्व से अपनाने की दिशा में एक सार्थक कदम है। 

राष्ट्रपति ने 16 दिसंबर को विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में परमवीर दीर्घा का उद्घाटन किया। विजय दिवस 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में लड़ने वाले सैनिकों के सम्मान में मनाया जाता है जिसका समापन पाकिस्तान की सेना के आत्मसमर्पण के साथ हुआ था। देश की सशस्त्र सेनाओं की ऐतिहासिक विजय के साथ ही बांग्लादेश अस्तित्व में आया था।

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