समावेशी विकास की दिशा में काम करें जी 20: शेखावत

समावेशी विकास की दिशा में काम करें जी 20: शेखावत

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जी- 20 के सदस्य देशों से सभी लोगों के लिए अच्छे काम और समावेशी विकास के अधिक अवसर पैदा करने की दिशा में सार्थक प्रगति करने का आह्वान किया है। शेखावत ने शुक्रवार को राजस्थान के जोधपुर में जी- 20 रोजगार कार्य समूह की पहली बैठक की अंतिम दिन सदस्य देशों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस बैठक की चर्चा और इसके परिणाम विश्व स्तर पर रोजगार के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए मेजबान देश के रूप में, भारत को रोजगार के महत्वपूर्ण मुद्दे का समाधान करने में जी- 20 का नेतृत्व करने का अवसर मिला है, जो लोगों की समृद्धि और भलाई के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा,“दुनिया के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में, भारत का मानना है कि रोजगार के भविष्य को आकार देने और समावेशी विकास को आगे बढ़ाने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।

हमारा मजबूत लोकतंत्र और हमारी विविधता, हमें विभिन्न प्रकार की आवाजों और विचारों को एक साथ लाने के लिए अद्वितीय परिप्रेक्ष्य एवं शक्ति प्रदान करती है।” उन्होंने कहा कि आज हम जिन श्रम और रोजगार चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उनका समाधान समावेशी, टिकाऊ और सभी के लिए समान होना चाहिए। शेखावत ने कहा कि वैश्विक श्रम बाजार के सामने जटिल और दूरगामी चुनौतियां हैं और केवल सहयोग एवं समन्वय के माध्यम से ही हम सार्थक समाधान खोजने की उम्मीद कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि दुनिया भर में रोजगार और सामाजिक सुरक्षा की मौजूदा स्थिति मौजूदा कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि कई देशों में महामारी के कारण हुई आर्थिक मंदी के परिणामस्वरूप बेरोजगारी में अत्यधिक वृद्धि हुई है। कई छोटे और मध्यम आकार के व्यवसाय विशेष रूप से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिससे कई क्षेत्रों में नौकरी खत्‍म हो गई हैं। इसके अतिरिक्त, आय असमानता बढ़ी है और गरीबी में रहने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि कई देशों में, सरकारों को महामारी से लड़ने के लिए अधिक धन खर्च करना पड़ा है, जिसके कारण अन्य कार्यक्रमों और सेवाओं के लिए कम धन शेष बचा है। इसने सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों पर दबाव डाला है। श्रमिकों के लिए आर्थिक प्रोत्साहन और सहायता प्रदान करने के संदर्भ में कई देशों द्वारा प्रयास किए गए हैं, लेकिन रोजगार की स्थिति और सामाजिक सुरक्षा अभी भी चुनौतियों का सामना कर रही हैं।

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