हल्द्वनी: क्या आप जानते हैं कमरख (Star Fruit) के बारे में...औषधीय गुणों की खान है यह फल
हल्द्वानी, अमृत विचार। क्या आपने कभी कमरख का नाम सुना है....! नहीं तो चलिए आज आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं। दरअसल कमरख एक फल है। यह स्वाद में खट्टा होता है और इसकी चटनी, अचार आदि बनाया जाता है। यह भारत, बंगलादेश, श्रीलंका, मलेशिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस में पैदा होता है। इसके अलावा यह पेरू, कोलम्बिया, त्रिनिदाद, इक्वेडोर, गुयाना, ब्राजील और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी पैदा होता है। इसका फल पांच कोण के तारे जैसी आकृति का होता है इसे चाकू से काटने पर तारे सी आकृति बनकर सामने आती है। इसी वजह से स्टार फ्रूट भी कहा जाता है।

आयुर्वेद में इसके तमाम गुणों का वर्णन है, आज हम आपको इसके बारे में पूरे विस्तार से बताएंगे प्राचीन काल से कमरख का प्रयोग औषधि के रूप में भी किया जा रहा है। पुराणों और कई आयुर्वेदिक ग्रन्थों में कमरख का वर्णन कर्मरंग नाम से देखने को मिलता रहा है। कमरख के उपयोग से कफ-वात, पित्त विकार को ठीक किया जा सकता है। कमरख भूख जगाने वाला और रुचिकारक होता है।
कमरख स्वाद में मीठा और प्रकृति में अम्लीय होता है। इसकी तासीर गर्म और भारी होती है। यह तीखा भी होता है। इसका पका हुआ फल मीठा और ताकत देने वाला होता है। इसके फल खट्टे और मीठे दोनों किस्म के होते हैं। फल खुशबूदार और गूदेदार होते हैं। ये फल रसीले भी होते हैं। खट्टे और मीठे फलों के आधार पर कमरख की दो प्रजातियां होती हैं। इन दोनों का प्रयोग दवाओं के लिए होता है।
कमरख के पत्तों का रस रक्तचाप कम करने में मदद प्रदान करता है। कमरख का पेड़ 5 से 10 मीटर ऊंचा होता है। यह पेड़ काफी घना और सुन्दर होता है। इसके पत्ते साल भर हरे रहते हैं। इसकी शाखाएं काफी घनी होती हैं। कमरख के फल 7 से 10 सेंटी मीटर तक लम्बे होते हैं। ये फल कच्चे रहने पर हरे और पक जाने पर पीले रंग का हो जाता है।
कमरख औक्जैलिडेसी (Oxalidaceae) कुल का पौधा है। इसका वानस्पतिक (वैज्ञानिक) नाम ऐवेरोआ कैरेम्बोला (Averrhoa carambola L.) है। वनस्पति विज्ञान में इसे ऐवेरोआ एक्युटेंगुला स्टोक्स (Averrhoa acutangula Stokes) भी कहा जाता है। कमरख को अंग्रेजी में Carambola apple (कैरम्बोला एपॅल) कहते हैं। अंग्रेजी में इसके लिए चाईनीज गूसबैरी और स्टार फ्रूट जैसे नाम से भी जाना जाता है।
कमरख का औषधीय प्रयोग
आयुर्वेदाचार्य बालकृष्ण बताते हैं कि दमा की दवा में कमरख का प्रयोग किया जाता है। एन्जाइना नामक बीमारी में कमरख के पत्तों का का काढ़ा बनाकर सेवन करना चाहिए। इसका 10 से 20 मिली सेवन करने से लाभ होता है। उल्टी और दस्त होने की हालत में कमरख के फल बेहद लाभदायक होते हैं। इनके सेवन से अत्यधिक प्यास लगना भी रुकता है। कमरख के फल का 5 से 10 मिली रस का सेवन करने से खूनी पेचिश की बीमारी ठीक होती है।
कमरख के पत्तों का काढ़ा बनाकर 10 से 20 मिली मात्रा में पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। इसके 1/2 ग्राम चूर्ण का सेवन करने से पेट का दर्द ठीक होता है। खूनी बवासीर के मरीज को कमरख के फल का 5 से 10 मिली रस रोजाना पिलाने से खूनी बवासीर में लाभ होता है। रस उपलब्ध नहीं हो तो 1 या 2 फल को रोज खाने से भी खून आना बंद हो जाता है।
इसके सेवन से स्कर्वी से पीड़ित व्यक्ति को भी काफी फायदा पहुंचता है। कमरख के सूखे फलों का चूर्ण बनाकर 1 से 2 ग्राम मात्रा में इसका सेवन करने से बुखार दूर हो जाता है। कमरख की जड़ का काढ़ा बनाकर 1 से 2 ग्राम तक लेने पर बुखार ख़त्म हो जाता है। यदि बुखार के कारण शरीर में जलन महसूस हो रही हो तो कमरख के 2 से 5 ग्राम पत्तों को पीस लें। इसमें 125 से 250 मिग्रा काली मिर्च का चूर्ण मिला लें। इस मिश्रण को जल के साथ लेने से शरीर की जलन समाप्त हो जाती है।

कमरख वजन को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि ये कम कैलोरी का होने के साथ हाई फाइबर युक्त होता है, जो कि वजन कम करने में मदद करता है। पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में कमरख फायदेमंद है। एक रिसर्च के अनुसार कमरख की पत्तियों में पाचन तंत्र को मजबूत करने की क्षमता होती है। इससे पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम कर पाता है। कमरख का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज को भी नियंत्रित किया जा सकता है।
आधुनिक विज्ञान का कहना है कि कमरख में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल और फोलेट तत्व पाए जाते हैं. इसमें विटामिन सी, ए, कैरोटीन (स्किन, नर्वस सिस्टम, श्वसन तंत्र, डायबिटीज और गठिया जैसे रोगों में लाभकारी) और बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन पोटेशियम, फास्फोरस, जस्ता और आयरन जैसे खनिज भी होते हैं. अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) की जानकारी के अनुसार एक कप (132 ग्राम) स्टार फल में कैलोरी 41, फैट 0.4 ग्राम, सोडियम 2.6 मिलीग्राम, कार्बोहाइड्रेट 8.9 ग्राम, फाइबर 3.7 ग्राम, चीनी 5.3 ग्राम, प्रोटीन 1.4 ग्राम पाया जाता है. इन्हीं तत्वों के चलते कमरख को शरीर के लिए बेहद लाभकारी और स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है।
