यूपी बनेगा भारत का सेमीकंडक्टर हब: OSAT यूनिट से मिलेगी रफ्तार, HCL-फॉक्सकॉन की 3706 करोड़ की मेगा परियोजना होगी ग्राउंड पर
लखनऊ, अमृत विचार: देश के सेमीकंडक्टर मिशन को प्रदेश में नई गति मिलने जा रही है। एचसीएल और फॉक्सकॉन की संयुक्त ओसैट यूनिट लगने जा रही है। इस परियोजना की सबसे बड़ी विशेषता इसकी प्रति माह 20,000 सिलिकॉन वेफर्स प्रोसेसिंग क्षमता है, जो प्रदेश को सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में मजबूत स्थान दिलाने के साथ ही भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम साबित होगी।
अधिकारियों के अनुसार, जनवरी के मध्य ग्राउंड ब्रेकिंग सेरिमनी के बाद परियोजना पर तेजी से काम शुरू हो जाएगा। यह यूनिट यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में जेवर एयरपोर्ट के पास स्थापित की जाएगी। करीब 3706 करोड़ रुपये के निवेश से बनने वाली यह इकाई प्रदेश की पहली सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग सुविधा होगी। सेमीकंडक्टर उद्योग में सिलिकॉन वेफर को चिप निर्माण की आधारशिला माना जाता है। एक वेफर से तकनीक और आकार के अनुसार सैकड़ों से लेकर हजारों माइक्रोचिप्स तैयार होती हैं। ऐसे में हर माह 20,000 वेफर्स की प्रोसेसिंग क्षमता का मतलब है कि यह यूनिट लाखों से लेकर करोड़ों चिप्स के निर्माण से जुड़ी प्रक्रियाओं को अंजाम देने में सक्षम होगी। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह क्षमता भारत में डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स की बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने में निर्णायक साबित होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना उप्र. को सेमीकंडक्टर हब के रूप में स्थापित करने के साथ भारत को वैश्विक चिप मैन्युफैक्चरिंग मानचित्र पर एक कदम आगे ले जाएगी।
मोबाइल से ऑटो सेक्टर तक मिलेगा सीधा लाभ
इस संयंत्र में मुख्य रूप से डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का निर्माण किया जाएगा, जिनका उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर, ऑटोमोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में होता है। वर्तमान में भारत इन चिप्स के लिए बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर है। 20 हजार वेफर्स की नियमित प्रोसेसिंग से घरेलू आपूर्ति श्रृंखला मजबूत होगी और आयात निर्भरता में उल्लेखनीय कमी आने की संभावना है।
