चित्रकूट: चर्चा में है पुरानी बाजार स्थित रामलीला भवन, केशरवानी समाज के लोगों ने दिया डीएम को ज्ञापन

चित्रकूट: चर्चा में है पुरानी बाजार स्थित रामलीला भवन, केशरवानी समाज के लोगों ने दिया डीएम को ज्ञापन

चित्रकूट। पुरानी बाजार स्थित प्राचीन रामलीला भवन इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। गुरुवार को केशरवानी समाज के लोगों ने जनसुनवाई के दौरान जिलाधिकारी अभिषेक आनंद को ज्ञापन देकर भवन को तथाकथित प्रबंध समिति से मुक्त कराने की मांग की। गौरतलब है कि पुरानी बाजार के इस रामलीला भवन में सालों से रामलीला मंचन होता आ रहा है। इसके अलावा इस भवन को शादी विवाह आदि समारोहों के लिए किराये पर भी दिया जाता रहा है।

अब इस भवन को दूसरे पक्ष से मुक्त कराने की मांग को लेकर केशरवानी समाज के लोगों ने गुरुवार को डीएम को ज्ञापन दिया गया। राकेश केशरवानी, नरेश, राजू, अंकित, रोहित, जितेन, राहुल, अभिषेक, कृष्णा केशरवानी आदि कई युवकों ने जिलाधिकारी को बताया कि रामलीला भवन हरबंश केशरवानी महादेव केशरवानी ने 1953 में निर्मित कराया था। जमीन नजूल की है और नगरपालिका में दर्ज है। बताया कि तब आम जनता के लिए रामलीला होती थी।

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इसके बाद खाली समय में यह लोगों को शादी व अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए दे दिया जाता था। इनका आरोप है कि पिछले 15 सालों से कुछ लोग निजी स्वार्थ की वजह से शादी विवाह व अन्य कार्यक्रमों का पैसा लेते हैं। इनका यह भी आरोप है कि रामलीला के स्वरूप को नष्ट करने का प्रयास किया गया है। इससे केशरवानी समाज आहत हुआ है। इन लोगों ने जिलाधिकारी से इसे दूसरे पक्ष से मुक्त कराने और सरकारी संरक्षण में सौंपे जाने का अनुरोध किया। 
 
दावा, तोड़फोड़ नपा ने नहीं की
बीते दिन रामलीला भवन में तोड़फोड़ भी हुई। केशरवानी समाज के लोगों ने दावा किया कि दूसरे पक्ष ने ही तोड़फोड़ की और इसका प्रचार किया गया कि यह जिला प्रशासन, नगरपालिका ने की। इसका नपा ने खंडन भी किया है। 

रामलीला समाज के नाम है रजिस्ट्री
रामलीला समाज कमेटी के प्रबंधक श्याम गुप्ता ने बताया कि 1953 में रामलीला भवन, जो 80 गुणे 100 वर्ग फीट जमीन पर स्थित है, की राज्यपाल के आदेश पर तत्कालीन नोटिफाइड एरिया चेयरमैन रामा देवी खरे ने सेकेट्री काशीनाथ राव गोरे के नाम पर रजिस्ट्री की थी। ऐसे में यह कानूनन समाज का है। बताया कि इसके अलावा बाकी जमीन पर नगरपालिका के जेई का आवास और सामुदायिक केंद्र बना है। हालांकि उन्होंने यह माना कि यह नजूल की जमीन है। 

समरथ को नहिं दोष गुसाईं...
रामलीला समाज कमेटी के प्रबंधक श्याम गुप्ता पूरे घटनाक्रम को लेकर दुखी हैं। वह भाजपा के नगर अध्यक्ष भी हैं। जब उनसे पार्टी के रुख को लेकर पूछा गया तो उनका कहना था कि उन्होंने जिलाध्यक्ष समेत अन्य लोगों को इसकी जानकारी दी है पर पार्टी के रुख को लेकर उनको निराशा है। कहीं से कोई मदद नहीं मिली है। बताया है कि वह पार्टी के अदना कार्यकर्ता हैं और हिंदुत्व के लिए उन्होंने जीवन खपाया है पर वह पार्टी के खिलाफ नहीं जाएंगे। अपनी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की अवश्य कोशिश करेंगे और उनको न्याय की भी उम्मीद है। 

अनुमति लेने का तो सवाल ही नहीं...
श्याम गुप्ता ने कहा कि वह धार्मिक आयोजनों के लिए किसी की अनुमति लेने के पक्षधर नहीं है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी आयोजन के लिए प्रशासन को सूचना देते रहे हैं और यही परंपरा आगे भी जारी रखेंगे। धार्मिक आयोजनों के लिए किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती। 

जांच कर होगी कार्रवाई
केशरवानी समाज के लोगों को जिलाधिकारी ने आश्वस्त किया कि मामले की जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि रामलीला भवन के संबंध में जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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