हल्द्वानी: नंदी हत्याकांड - जुए की फड़ पर सुबूत गिरवी रख आया हत्यारा...मजदूर निकला शातिर अपराधी

हल्द्वानी: नंदी हत्याकांड - जुए की फड़ पर सुबूत गिरवी रख आया हत्यारा...मजदूर निकला शातिर अपराधी

सर्वेश तिवारी, हल्द्वानी, अमृत विचार। अपराधी कितना भी शातिर हो, लेकिन कहीं न कहीं वह सुबूत छोड़ जाता है। मनोज पेशे से भले ही मजदूर था, लेकिन दिमाग किसी भी पेशेवर अपराधी से कम नहीं था। उसने घटना स्थल पर कोई सुबूत नहीं छोड़े, लेकिन एक गलती कर दी। एक सुबूत वह जुए की फड़ पर गिरवी रख आया और पकड़ा गया। 

 मनोज ने हत्या के बाद नंदी के घर में लूटपाट की और नंदी का की-पैड वाला मोबाइल भी साथ ले गया। शराब और जुए की लत उसे अपने जुआरी दोस्त तक ले गई। उसने दांव पर दांव लगाए और हारता गया। उसके गले में एक सोने की चेन थी, लेकिन अगला दांव खेलने के लिए पैसे नहीं थे।

उसने दोस्तों से चेन गिरवी रखने की पेशकश की, लेकिन जुआरी दोस्त चेन के सिर्फ ढाई हजार रुपए दे रहे थे। ऐसे में उसने चेन की बजाय फड़ में नंदी का मोबाइल सिर्फ 500 रुपए में गिरवी रख दिया। उसने यह भी कहा कि वह पैसे देकर मोबाइल ले जाएगा। इधर, पुलिस उन लोगों की लिस्ट तैयार कर रही थी जो घटना के बाद से इलाके से गायब थे। लिस्ट जुआरियों, शराबियों और खानाखराबों की भी तैयार हुई। 
 

पुलिस ने आधा दर्जन से अधिक जुआरी उठाए और जब पूछताछ की तो एक के पास से नंदी का मोबाइल बरामद हो गया। मनोज यह सोच रहा था कि अगर मोबाइल किसी और के पास से बरामद हुआ तो वह बच जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जुआरी दोस्त से मिली लीड पर पुलिस ने मनोज को उठा लिया और फिर उसने रट्टू तोते की तरह हत्या की पूरी कहानी बयां कर दी।   


संबंध विच्छेद के दस्तावेजों ने पुलिस को उलझाया
हल्द्वानी : नंदी की पड़ोसन एक महिला है, जिसके अपने पति से पंचायत स्तर पर संबंध विच्छेद हो चुका था। इस महिला को अपनी मां पर भरोसा नहीं था, इसलिए उसने संबंध विच्छेद के दस्तावेज 3 हजार रुपयों के साथ नंदी को सौंप दिए। घटना के बाद घर से पुलिस को सिर्फ वहीं दस्तावेज गायब मिले, जबकि 23 हजार रुपए भी रखे थे।

ये रकम नंदी ने बेटे की जमानत के लिए जमा की थी। इसी वजह से पुलिस उलझ गई और लगा कि हो न हो इन्हीं दस्तावेजों की वजह से घटना की गई होगी, हालांकि बाद में मामला कुछ और ही निकला।


सुबूत छिपाने के लिए घर से निकला था नंगे पैर
हल्द्वानी : अपने पीछे जूते या चप्पल के निशान न छूट जाएं, इसीलिए मनोज नंगे पैर घर से निकला। वह सीसीटीवी या किसी और न नजर में न आए, इसीलिए उसने आने-जाने के लिए जंगल का रास्ता चुना। हत्या के बाद 4 दिनों तक उसने गौला में मजदूर की।

6 मई को वह जुए की फड़ पर बैठा, 9 मई को मंगलवार छुट्टी के दिन अपने गांव बरेली चला गया और फिर लौट भी आया। इलाके से एक दंपति बरेली शादी में गया था। शक गहराया तो पुलिस ने इनसे भी पूछताछ की और फिर दस्तावेज वाली महिला के दिल्ली वाले प्रेमी को भी रडार पर लिया, लेकिन पकड़ा मनोज गया।