Kanpur: पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा बोले- 'दुनिया में काम करने के तरीके में हुआ बदलाव...नई शिक्षा नीति युवाओं को देगी नई दिशा'

Kanpur: पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा बोले- 'दुनिया में काम करने के तरीके में हुआ बदलाव...नई शिक्षा नीति युवाओं को देगी नई दिशा'

कानपुर, अमृत विचार। पूरी दुनिया में काम करने के तरीकों में बदलाव हुआ है। तकनीक के युग में जरूरी है देश के युवाओं को ऐसी शिक्षा दी जाए जिसमें परंपरा, अनुशासन, संस्कृति और तकनीक का समावेश हो। आज चीन बूढ़ा हो रहा है, जापान और जर्मनी जैसे देश में भी युवाओं की संख्या कम है, रूस घटती जनसंख्या से जूझ रहा है। अमेरिका कह रहा है कि भारत के युवाओं से बचकर रहो, नहीं तो वह हमारी नौकरी पर कब्जा कर लेंगे। ऐसे में नई शिक्षा नीति युवाओं को नई दिशा और दम देगी।

दिनेश शर्मा 1 

यह विचार शुक्रवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने सीएसजेएम विश्वविद्यालय में डिपार्टमेंट ऑफ लाईफ लांग लर्निंग एंड एक्सटेंशन व भारतीय सामाजिक अनुसंधान परिषद की ओर से आयोजित दो दिनी राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि विश्व की मांग और शिक्षा के बीच उपजी खाई को नई शिक्षा नीति पाटने का काम करेगी।

नई शिक्षा नीति ‘एनईपी’ 2020 के माध्यम से भारतीय परंपरा और संस्कृति का पुनर्निर्माण: बहुभाषीय, बहुसांस्कृतिक और बहु-विषयक शैक्षिक दृष्टिकोण विषयक संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने विचार रखते हुए कहा कि कोरोनाकाल में देश में बनी तीन वैक्सीन ने देश के साथ ही विदेशों में भी लोगों की जान बचाई। वैक्सीन स्वदेशी की जीत थी।

सोने की चिड़िया नहीं दहाड़ता हुआ शेर

संगोष्ठी में पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश सोने की चिड़िया नहीं जिसके पंख उखाड़कर उसपर कोई राज करने का प्रयास करे। आज देश दहाड़ता हुआ शेर है जिसके ऊपर नजर गड़ाने वाले को वह कभी नहीं छोड़ेगा। 

वैदिक परंपरा जरूरी

संगोष्ठी में नई शिक्षा नीति से वैदिक परंपरा को दोबारा जीवित किए जाने का आह्वान किया गया। कहा गया कि दुनिया योग, आयुर्वेद जैसी परंपरा अपना रही है। ऐसे में तकनीक का आधुनिकीकरण अपनाना जरूरी है।  

यूपी बना सर्वोत्तम प्रदेश

संगोष्ठी में यूपी को सर्वोत्तम प्रदेश बनने का आधार भी समझाया गया। यह कहा गया कि यूपी में इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ रहा है। यही वजह है कि यहां पर निवेश सबसे अधिक आ रहा है। आज यूपी की डिजिटल लाइब्रेरी में 78 हजार लेक्चर रिकॉर्ड हैं। इन्हें लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया और आईआईटी जैसे संस्थान एमओयू कर रहे हैं। अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो विनय पाठक ने की। प्रतिकुलपति प्रो सुधीर कुमार अवस्थी व विधायक नीलिमा कटियार सहित अन्य मौजूद रहे।

दो सौ पेपर पढ़े गए

संगोष्ठी में 10 सेशन का आयोजन हुआ। इस दौरान 200 पेपर पढ़े गए | संगोष्ठी में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, समाजशास्त्र विभाग के प्रो अरविन्द जोशी, लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो डीआर साहू, पीपीएन महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो अनूप सिंह, इलाहबाद शिक्षा विभाग के सह आचार्य डॉ पतंजलि मिश्र ने भी विचार रखे। 

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