शालिनी हत्याकांड: मासूम के अपहरण व हत्या की फिर से होगी विवेचना, क्लोजर रिपोर्ट निरस्त

शालिनी हत्याकांड: मासूम के अपहरण व हत्या की फिर से होगी विवेचना, क्लोजर रिपोर्ट निरस्त

अयोध्या,अमृत विचार। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भव्या तिवारी की अदालत ने बुधवार को बीकापुर कोतवाली क्षेत्र की मासूम शालिनी हत्याकांड में क्लोजर रिपोर्ट को निरस्त करते हुए पुलिस को फिर से विवेचना करने का आदेश दिया है। 

अधिवक्ता अनिल कुमार मिश्रा ने बताया कि बीकापुर कोतवाली के करौंदी गांव निवासी 6 वर्षीय शालिनी 17 अक्टूबर 2018 को दिन में 1:00 बजे गांव स्थित प्राइमरी स्कूल के समीप से गायब हो गई थी। जिसकी गुमशुदगी उसकी मां उर्मिला ने लिखाई थी। घटना के डेढ़ माह बाद 2 दिसंबर 18 को शालिनी का कंकाल करौंदी के जंगल के समीप स्थित गन्ने के खेत में मिला था। शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस ने उसकी मां उर्मिला और पिता फेकू राम का डीएनए टेस्ट भी कराया था, लेकिन डीएनए रिपोर्ट में क्या पता चला इसे पुलिस ने विवेचना में शामिल नहीं किया। 

प्रकरण की विवेचना में जुटी पुलिस ने गांव के कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की और फिर छोड़ दिया। अंत में यह कहते हुए फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत कर दिया कि शालिनी को हिंसक जानवर भेड़िया या सियार गन्ने के खेत में खींच ले गया और उसकी हत्या कर दी। अंतिम रिपोर्ट का वादी उर्मिला ने अदालत पर विरोध किया जिस पर कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट निरस्त करते हुए फिर से विवेचना करने का आदेश दिया है।

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