Cyber Crime: क्रेडिट कार्ड का करते हैं इस्तेमाल तो रहें सावधान, ठगों ने रुपये ऐंठने का निकाला नया तरीका, ऐसे करें बचाव

लगातार आ रहीं डीप फेक की शिकायतों के बाद कमिश्नरेट पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

Cyber Crime: क्रेडिट कार्ड का करते हैं इस्तेमाल तो रहें सावधान, ठगों ने रुपये ऐंठने का निकाला नया तरीका, ऐसे करें बचाव

कानपुर, अमृत विचार। साइबर फ्रॉड लगातार किसी न किसी तरीके से लोगों को शिकार बना रहे हैं। शातिरों का नया पैंतरा यानी डीपफेक लगातार सामने आने के बाद कमिश्नरेट पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। जिसके तहत आपको किस-किस तरह के धोखे में नहीं आना है, ये बताया गया है। साथ ही ये भी बताया गया है, कि आपके साथ सेक्सटॉर्शन हो या डीपफेक या किसी भी तरह का एक्सटॉर्शन हो, देर मत करिए बल्कि तुरंत 1930 नेशनल टोल फ्री नंबर जानकारी दीजिए। थाने की साइबर हेल्प डेस्क पर या साइबर थाने में बिना देरी करे जानकारी दें। अगर देर से जानकारी दी गई तो कई किलोमीटर दूर बैठा साइबर फ्रॉड करने वाला फरार हो जाएगा।  

इंस्पेक्टर बोल रहा हूं, तुम्हारे भतीजे ने लड़की से गलत हरकत की है पैसे देने होंगे…

पनकी थानाक्षेत्र के रतनपुर कॉलोनी निवासी दिनेश सिंह ने पुलिस को बताया कि 27 मार्च को लगभग 12 बजे उनके पास फोन आया कि तुम्हारे भतीजे मनोज सिंह ने कोई गलत हरकत लड़की के साथ की है। कॉलर ने बताया कि वह सचेंडी थाने से इंस्पेक्टर विजय बोल रहा है। भतीजे को बचाने के एवज में एक लाख रुपये देने होंगे। 

कॉलर ने दिनेश की जिस लड़के से बात कराई उसकी आवाज मनोज से मेल खाती थी। घबराकर संदीप ने एक लाख रुपये का इंतजाम कर दिए हुए अकाउंट में एटीएम से डाल दिया। जिस खाते में रकम ट्रांसफर की वह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा हाजीपुर का है। अकाउंट होल्डर का नाम रोहित सिंह बताया गया। दिनेश की तहरीर पर रोहित और एक अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी एक्ट में रिपोर्ट दर्ज की गई है।

सर्विस एक्टिवेट कराने के नाम पर एक लाख 20 हजार ठगे 

किदवई नगर थानाक्षेत्र के साइट नंबर एक के रहने वाले जितेंद्र कुमार गुप्ता ने पुलिस को बताया कि वह इंडसंड बैंक का क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल कर रहा है। बताया कि 13 फरवरी की शाम 5.38 पर उनके पास बैंक से एक फोन आया, उसने कार्ड पर कोई सर्विस एक्टिवेट होने की बात कही और उसे कैंसिल कराने के लिए कुछ जानकारी हासिल की। 

फिर तुरंत ही मोबाइल पर 50-50 हजार के दो मैसेज और बीस हजार का एक मैसेज आया जिससे कार्ड से एक लाख बीस हजार रुपये निकाल लेने की बात सामने आई। बताया कि उन्होंने तुरंत अपना क्रेडिट कार्ड ब्लॉक कराया और साइबर सेल को घटना की सूचना दी। इस संबंध में किदवई नगर पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर आईटी एक्ट में मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी। 

कल्याणपुर और रायपुरवा में भी आ चुका मामला 

शहर में इस तरह की ठगी का ये कोई नया मामला नहीं है। 11 अप्रैल को कल्याणपुर थाने में आईआईटी के छात्र ने रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसमें उसने बताया कि उसकी मां को कॉल कर बताया गया कि उनका बेटा किसी मामले में फंस गया है। इतना कहने के बाद 40 हजार रुपये ठग लिए गए। इसी तरह डीप फेक का दूसरा मामला रायपुरवा में सब्जी विक्रेता के साथ हुआ था, जिसमें उसके भतीजे को दुष्कर्म मामले में फंसाने की धमकी दी गई थी। एक लाख रुपये फ्रॉड ने खाते में डलवा लिए। आधा दर्जन से ज्यादा मामले डीप फेक के शहर में आ चुके हैं। 

कोई विभाग ऐसा कृत्य नहीं करता

इन दिनों डीप फेक मामले सामने आ रहे हैं। पुलिस अधिकारी, क्राइम ब्रांच, नारकोटिक्स, सीबीआई अफसर, मुंबई क्राइम ब्रांच का बनकर वीडियो मैसेज फ्रॉड कर रहा है। जिसमें कहा जा रहा है कि आपके परिवार वाले को गिरफ्तार कर लिया है, इतना पैसा दीजिए नहीं तो कार्रवाई हो जाएगी। कानपुर के लोगों से अपील है, कि किसी को भी पैसा देने की जरूरत नहीं है, कोई भी विभाग इस तरह का कृत्य नहीं करता है। पुलिस को शिकायत करिए तुरंत रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। 

परेशानी होने पर यहां करें संपर्क 

-1930 नेशनल टोल फ्री नंबर पर जानकारी दें।
-साइबर क्राइम के थाने में सूचना दें।
-साइबर हेल्प डेस्क पर तुरंत जानकारी दें।
-अपने परिवार के सभी सदस्यों को इस तरह की ठगी से जागरुक करें। 
-किसी सदस्य की कॉल आने पर कनफ्यूज न हों, उस कॉल की पुष्टि करें।

शहरवासियों को कतई डरने की जरूरत नहीं है। अपराध करने का तरीका बदल गया है। दूर बैठे साइबर ठग इंटरनेट के माध्यम से ठगी कर रहे हैं। लोग तनाव में आ जाते हैं। उनसे रुपये की मांग की जाती है। थक हार कर रुपये दे दिए जाते हैं। मैसेज फोन या वीडियो से कोई धमकी देता है। तुरंत संबंधित पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराइए। अगर आपसे गलती हुई है, तो पुलिस को बताइए ताकि समय रहते मदद की जा सके। -हरीश चंदर, एडिशनल सीपी

यह भी पढ़ें- Kanpur: एक किडनी के सहारे जिंदगी गुजार रही युवती की डॉक्टरों ने बचाई जान, ऑपरेशन कर अंडाशय से निकाली गांठ