रुद्रपुर: बाबा तरसेम हत्याकांड - पंजाब, हरियाणा और शाहजहांपुर में पुलिस टीमों ने डाला डेरा

रुद्रपुर: बाबा तरसेम हत्याकांड - पंजाब, हरियाणा और शाहजहांपुर में पुलिस टीमों ने डाला डेरा

रुद्रपुर, अमृत विचार। बाबा तरसेम हत्याकांड में बंगाल और नेपाल की खाक छानने के बाद आखिरकार एसटीएफ-एसओजी व पुलिस टीमों ने अपनी रणनीति बदलते हुए अब पंजाब, हरियाणा और शाहजहांपुर पर अपना फोकस कर लिया है। क्योंकि जिस प्रकार शाहजहांपुर से पांच संदिग्धों को पुलिस ने दबोचा। सभी हत्याकांड के बाद हत्यारों को पनाह देने के आरोप में फंस चुके हैं। इसके अलावा हत्याकांड के बाद हत्यारों की आखिरी लोकेशन भी शाहजहांपुर थी।

बताते चलें कि 28 मार्च की सुबह नानकमत्ता डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या करने के बाद हत्यारे अमरजीत सिंह और सर्वजीत सिंह की सीसीटीवी फुटेज जारी हो गई थी। जब पुलिस टीमों ने खटीमा, पीलीभीत से बरेली हाईवे के टोल प्लाजा की सीसीटीवी फुटेज खंगालनी शुरू की तो बाइक सवार हत्यारों की आखिरी लोकेशन शाहजहांपुर में देखी गई।

इसके बाद आगे वाले टोल प्लाजा पर बाइक सवार हत्यारों की कोई भी लोकेशन नहीं दिखी। एसटीएफ और एसओजी की टीमों ने जब शाहजहांपुर से अपनी तफ्तीश को शुरू किया तो वहां से पांच संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। जिन पर हत्यारों को पनाह देने का संदेह है।

ऐसे में अब प्रबल संभावना यह है कि हत्यारे नेपाल, बंगाल नहीं, बल्कि शाहजहांपुर, पंजाब या फिर हरियाणा में कहीं छिपे हैं। पुख्ता जानकारी मिलने के बाद दस टीमों ने अपना रुख पंजाब, हरियाणा और शाहजहांपुर की ओर मोड़ दिया है और तीनों प्रदेशों में डेरा डाल दिया है। इसके अलावा पुलिस बाइक की सुराग में भी जुट गई है, क्योंकि हत्याकांड के बाद शाहजहांपुर तक ही बाइक को देखा गया है। इन सभी तथ्यों को जोड़ने के बाद धरपकड़ की टीम ने अपनी रणनीति बदल दी है।

हत्यारों ने किया छोटे वाहनों का प्रयोग
रुद्रपुर। बाबा हत्याकांड के बाद शाहजहांपुर तक दिखी बाइक के बाद जांच टीमों को संदेह है कि हत्यारों ने शाहजहांपुर में ही कहीं बाइक को ठिकाने लगाने के बाद छोटे वाहनों का प्रयोग कर अपनी लोकेशन को बदला होगा। टीमों को पुख्ता जानकारी मिल चुकी है कि शाहजहांपुर में मददगारों के यहां पनाह लेने के बाद हत्यारों ने बाइक का प्रयोग नहीं किया, बल्कि ऐसे छोटे वाहनों का इस्तेमाल किया है जिस पर संदेह नहीं किया जा सके। संदेह है कि यदि हत्यारों ने शाहजहांपुर से पंजाब या फिर हरियाणा की ओर रुख किया है तो उन्होंने टाटा मैजिक या ऐसे वाहन का इस्तेमाल किया है, जिससे सामान को ढोया जाता है।

बिलासपुर पहुंची एसटीएफ की एक टीम
रुद्रपुर। शाहजहांपुर में पांच संदिग्धों को दबोचने के बाद अब एसटीएफ की एक टीम ने रविवार की दोपहर से लेकर सोमवार तक हत्यारोपी अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा के पुश्तैनी गांव सिहोरा बिलासपुर यूपी में पूछताछ की। इस दौरान उन्होंने ऐसे लोगों को चिह्नित करना शुरू किया जो हत्याकांड के बाद अमरजीत को पनाह दे सकते हैं, क्योंकि 15 साल पहले गांव छोड़ने के बाद हत्यारोपी अमरजीत का बिलासपुर आना जाना था।

हत्यारों के पीछे हो सकता है रसूखदारों का हाथ
रुद्रपुर। जिस प्रकार पुलिस के तेजतर्रार एसएचओ, एसटीएफ, एसओजी के अलावा यूपी-पंजाब की पुलिस को गच्चा देकर हत्यारों के मददगार बार-बार बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उससे यह तो साफ हो रहा है कि कट्टरपंथी विचारधारा के हत्यारोपी अमरजीत सिंह और सर्वजीत सिंह के पीछे बड़े रसूखदारों का हाथ हो सकता है, क्योंकि शाहजहांपुर में पांच लोगों की धरपकड़ के बाद यह अनुमान लगाया जा सकता है कि जिस प्रकार पुलिस टीम के पीछे होने के बाद भी हत्यारोपी सर्वजीत बार-बार सोशल मीडिया में पोस्ट डालकर अपना संदेश रहा है। इससे आशंका जताई जा सकती है कि हत्यारोपियों के मददगारों की सूची लंबी है।