बदायूं: स्टाफ की कमी से जूझ रहा दमकल विभाग, गेहूं कटाई के दौरान होती रहती है आगजनी की घटनाएं

आगजनी की घटना पर नियंत्रण के लिए तैयारी पूरी होने का दावा

बदायूं: स्टाफ की कमी से जूझ रहा दमकल विभाग, गेहूं कटाई के दौरान होती रहती है आगजनी की घटनाएं

बदायूं, अमृत विचार। गर्मी का मौसम परवान चढ़ चुका है। दिन के समय तेज और गर्म हवाएं चल रही हैं। इस दौरान खेतों में गेहूं कटाई का काम भी तेजी पकड़ चुका है। किसान अपनी फसल घर जल्दी ले जाने के लिए तेजी से कटाई कर रहे हैं। गेहूं की फसल में आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए दमकल विभाग ने तैयारी कर ली है। विभाग के पास स्टाफ की कमी है। फिर भी अधिकारियों का दावा है कि जितने कर्मचारी हैं, उनके जरिये बेहतर व्यवस्था बनाई जाएगी। आमजन को परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी।

जिले की तीन तहसीलों में फायर स्टेशन बने हुए हैं। जिसमें मुख्यालय स्थित फायर स्टेशन पर विभाग के पास इस समय तीन गाड़ियां मौजूद हैं। सभी गाड़ियां पांच हजार लीटर क्षमता की हैं।  इनमें से एक गाड़ी हाल ही में विभाग को मिली हैं। वहीं सहसवान फायर, दातागंज तहसील में एक-एक गाड़ी है। तथा एक गाड़ी बिसौली में तैनात है। तथा एक छोटी गाड़ी बिल्सी तहसील में खड़ी की गई है। विभाग के पास छोटी बड़ी मिलाकर कुल सात गाड़ियां हैं। दमकल विभाग के बेड़े में गाड़ियों की कमी नहीं है, लेकिन कर्मचारियों की कमी जरूर है। 

दमकल विभाग के अधिकारियों के अनुसार हर एक गाड़ी में छह कर्मचारियों का होना जरूरी होता है। इनमें एक ड्राइवर व पांच फायरमैन शामिल होते हैं। आठ घंटे की एक शिफ्ट पर छह कर्मचारियों का होना अति आवश्यक है। फिलहाल दमकल विभाग के कर्मचारी आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्टों में काम कर रहे हैं। ऐसे में विभाग के पास तीन गाड़ियों पर तीन शिफ्टों के लिए 112 कर्मचारी होने चाहिए, लेकिन विभाग के पास केवल 86 कर्मचारी ही इन तीन शिफ्टों के लिए हैं। 

गेहूं के सीजन में बदलेंगे शिफ्ट
फिलहाल दमकल विभाग के पास 86 कर्मचारी हैं, ऐसे में गेहूं के सीजन में विभाग ने आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए योजना बनाई है। विभाग ने तीन शिफ्टों के बजाय कर्मचारियों की 12-12 घंटे की दो शिफ्ट तय कर रखीं हैं। ताकि स्टाफ पूरा रहे और समय पर आगजनी पर काबू पाया जा सके।

किसान बरतें यह सावधानियां
दमकल विभाग ने गेहूं कटाई के सीजन के चलते एडवाइजारी भी जारी की है, जिसके तहत किसान खेतों में ट्रांसफार्मर के आस पास सफाई रखें। खेतों में बने होद में 24 घंटे पानी भरा रखें। वहीं रिपर या कंबाइन पर काम करते समय पानी की बाल्टी व रेत साथ में रखें।

छह माह में घटित हो चुकी हैं आधा दर्जन आगजनी की घटनाएं
गर्मी का सीजन शुरू होते ही आगजनी की घटनाएं शुरू हो गईं हैं। हाल में दो अप्रैल को थाना जरीफनगर  क्षेत्र के गांव रफतपुर मौरु जनूवी निवासी सोमवार के घर में आग लग गई थी। जिसमें हजारों रुपये का नुकसान हुआ था। उससे पूर्व छह मार्च को जिला अस्पताल में आग लगी थी। जिसमें छह एबुंलेंश जल गईं थीं। इन घटनाओं से पूर्व पिछले साल एआरटीओ कार्यालय में आग लगी थी। ऐसी अन्य कई घटनाएं घटित हुई हैं। इन आगजनी की घटनाओं पर अग्निशमन विभाग ने कड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया था। अब गर्मी के सीजन में गेहूं की कटाई के दौरान ऐसी  घटनाओं को रोकने के लिए अग्निशमन विभाग की तैयारी  पूरी है। 

गेहूं के सीजन में आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए दमकल विभाग पूरी तरह से तैयार है। गर्मी में तापमान बढ़ने पर अक्सर आगजनी होती हैं। संकरी गलियों में जाने के लिए हमारे पास अधिक गाड़ियां नही हैं। एक छोटी गाड़ी है। छह बड़ी गाड़ियां भी हैं। एक अप्रैल से कर्मचारियों की तीन शिफ्टों को घटाकर दो शिफ्ट में डयूटी लगा दी है- रामराजा यादव, जिला अग्निशमन अधिकारी।

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