अयोध्या: जन्मभूमि परिसर में शेषावतार मंदिर और सप्त मंडप की भरी गई नींव

तीन चरणों में होगा निर्माण, मंदिरों में भी लगेंगे राजस्थानी पत्थर 

अयोध्या: जन्मभूमि परिसर में शेषावतार मंदिर और सप्त मंडप की भरी गई नींव

अयोध्या, अमृत विचार। राम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर की तर्ज पर भगवान लक्ष्मण के शेषावतार मंदिर और सप्त मंडप का भी निर्माण किया जा रहा है। यह निर्माण इसलिए किया जा रहा है कि श्रीराम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा अगले एक हजार वर्ष तक बनी रहे। 
   
इन मंदिरों का निर्माण भी तीन चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में सीमेंट, मोरंग और कंक्रीट से नींव को तैयार किया जा रहा है, जिस पर बलुआ पत्थर को लगाकर प्लिंथ को तैयार किया जाएगा। फिर राजस्थान के पत्थरों से मंदिर के स्ट्रक्चर को खड़ा किया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम मंदिर को पूर्ण करने का कार्य तेजी से शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही परकोटा और उसमें बनने वाले 6 देवी देवताओं के मंदिर का भी निर्माण किया जा रहा है। अब मंदिर परिसर में राम मंदिर के दक्षिण दिशा की ओर शेषवतार, महर्षि वाल्मिकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि, अगस्त्य, निषाद राज, अहिल्या का भी मंदिर बन रहा है। निर्माण कार्य के लिए आर्किटेक्ट आशीष सोनपुर उनकी टीम ने राम मंदिर से मिलता जुलता मॉडल को तैयार किया है। यह मंदिर परिसर और भव्य बनाएगा।

दो हजार वर्कर निर्माण कार्य में लगे  
श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा ने बताया कि राम मंदिर के प्रथम, द्वितीय तल और अन्य मंदिरों के कार्य को दिसंबर 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। ऐसी योजना एलएंडटी ने तैयार की है, जिसके लिए बड़ी संख्या में वर्करों को उतार कर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ हो गया है, जिसके लिए लगभग 2000 वर्कर मंदिर निर्माण के कार्य में लगे हुए हैं। इसके अलावा परिसर में प्रारंभ होने वाले अन्य निर्माण कार्य भी शुरू कर दिए गए हैं।

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