सफलता की कामना के लिए विंध्याचल धाम में कई नेताओं ने लिया गुप्त अनुष्ठान का सहारा 

चुनाव में सफलता हासिल करने के लिए विंध्याचल की शरण में है कई नेता

सफलता की कामना के लिए विंध्याचल धाम में कई नेताओं ने लिया गुप्त अनुष्ठान का सहारा 

संतोष देव गिरी/ विंध्याचल/ मीरजापुर, अमृत विचार। विख्यात देवी धाम मां विंध्यवासिनी दरबार में लोकसभा चुनाव के जीत और अपनी सरकार बनाने को लेकर मां के धाम में विशेष अनुष्ठान नेताओं द्वारा अपने-अपने पुरोहितों से करा रहे हैं। गुप्त रूप से चल रहे अनुष्ठान में देश के बड़े बड़े-बड़े मंत्री से लेकर लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी जिनमें पक्ष और विपक्ष लोग भी बताये जा रहे हैं अपने-अपने तीर्थ पुरोहितों के माध्यम से मनोकामना सिद्धि के उद्देश्य से अनुष्ठान करने में लगे हुए हैं। जगत जननी मां विंध्यवासिनी का पावन धाम आस्था और विश्वास के साथ ही साथ रिद्धि सिद्धि के लिए भी प्रसिद्ध है। वर्ष के दोनों नवरात्र के महीना में देश के कोने-कोने से लाखों लाख की संख्या में दर्शनार्थी मां के दर्शन-पूजन की अभिलाषा में यहां आते हैं। इनमें आम से लेकर खास और विशिष्टजन भी शामिल होते हैं। 

मां विंध्यवासिनी धाम सहित धाम क्षेत्र के अष्टभुजा पहाड़, काली खोह पहाड़, सीता कुंड से लगाए शिवपुर राम गया घाट जहां प्रभु श्रीराम तर्पण करने के साथ-साथ अनुष्ठान किया था मनोकामना सिद्धि के लिए प्रसिद्ध हैं। झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल सहित पड़ोसी देश नेपाल देश से भी बड़ी संख्या में लोग मनोकामना सिद्धि के लिए यहां आते हैं। नवरात्र का महीना दर्शन पूजन सहित विशेष अनुष्ठान के लिए सर्व मंगल हितकारी बताया जाता है। वर्तमान समय में देश में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। सत्ताधारी दल के नेताओं मसलन, मंत्रिमंडल में शामिल वह कद्दावर नेता जो जो सत्ता सुख भोगने के साथ-साथ पुणे चुनावी मैदान में दाम कम से उतरे हुए हैं पुनः विजय पताका फहराने के लिए मां विंध्यवासिनी के देवी पर माथा टेकने के साथ ही अनुष्ठान में लगे हुए हैं। एक वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित नाम ना छापे जाने की शर्त पर बताते हैं कि विंध्याचल देवी धाम में इन दिनों पक्ष-विपक्ष के दलों के कई नेता मनोकामना सिद्धि के उद्देश्य से अनुष्ठान करने में जुटे हुए हैं। उनका यह अनुष्ठान पूजन पूरी तरह से गुप्त होने के साथ-साथ अति गोपनीय भी है जिसकी भनक खुद उनके दल और उनके समर्थकों तक को नहीं है। विंध्याचल देवी धाम सदियों से कई राजनीतिक दलों के नेताओं के आस्था का केंद्र रहा है चाहे वह किसी भी धर्म या दल के नेता रहे हो विंध्याचल देवी धाम में माथा टेकना नहीं भूले हैं। बड़े से बड़े उद्योगपति, कारोबारी और फिल्मी हस्तियां भी मां विंध्यवासिनी के मुरीद हैं। जिनका समय-समय पर पर्व विशेष अवसरों पर विंध्याचल धाम में आगमन होता रहता है। 

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प्रमुख राजनेताओं की बात करें तो रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार शिवपाल यादव, पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, फिल्मी हस्तियों में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, गोविंदा सहित कई फिल्म अभिनेता व अभिनेत्री विंध्यवासिनी देवी के धाम में समय-समय पर दर्शन पूजन के लिए आना नहीं भूले हैं। स्वर्गीय अमर सिंह जैसे दिग्गज नेता और कारोबारी के नाम पर तो यहां प्रत्येक नवरात्र में पूरे नवरात्र भर दिव्या भंडारा चलाया जाता रहा है स्वयं अमर सिंह यहां आना नहीं भूलते थे। 

मुख्तार की सलामती के लिए भी विंध्याचल में हो चुका है अनुष्ठान
दशकों पहले मुख्तार अंसारी के लिए उनके परिवार के लोगों ने विंध्याचल धाम में अनुष्ठान भी किया था जो सुर्खियों में रहा है। तीर्थ पुरोहित बताते हैं कि जब पहली बार मुख्तार अंसारी जेल गए थे तों उनकी सलामती के लिए उनके परिजनों ने विंध्याचल में कई बड़े तीर्थ पुरोहितों की देख रेख में विशेष अनुष्ठान किया था। जो ना केवल सुर्खियों में रहा है, बल्कि वह अनुष्ठान कई दिनों तक गोपनीय रूप से चला था। इस विशेष अनुष्ठान में नेपाल राष्ट्र के भी कर्मकांडी को बुलाया गया था।

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लालू यादव भी कर चुके हैं अनुष्ठान
विंध्याचल देवी धाम क्षेत्र से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लाल यादव एवं उनके परिवार के लोगों का भी जुड़ाव बना हुआ है। खुद बहुचर्चित चारा घोटाले में फंसने के बाद लालू यादव विंध्याचल धाम क्षेत्र में पगला बाबा आश्रम में विशेष अनुष्ठान और भेड़ की बलि देकर चर्चा में आ गए थे। वह इस लिए कि वह कभी पूजापाठ को नकारते हुए कटाक्ष किया करते थे, लेकिन जब अपने पर आई मुसीबत तो खुद उसी राह पर चलते हुए विशेष अनुष्ठान कर भेड़ की बलि देने से भी पीछे नहीं थे।

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