सौर ऊर्जा में प्रगति

सौर ऊर्जा में प्रगति

भारत समृद्ध सौर ऊर्जा संसाधनों वाला देश है। सरकार का लक्ष्यः नवीकरणीय ऊर्जा पर भरपूर जोर देकर स्वच्छ ऊर्जा के हिस्से में बढ़ोतरी करना है। भारत में नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा के विकास तथा उपयोग के मुख्य वाहक ऊर्जा सुरक्षा, बिजली की कमी, ऊर्जा पहुंच, वित्तीय प्रोत्साहनों जैसे विभिन्न माध्यमों के जरिए नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभा रही है।

स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन और उपभोग को बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के संतोषजनक परिणाम सामने आने लगे हैं। स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में प्रगति का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि 2014 से अब तक उत्पादन में 30 गुना वृद्धि हुई है। वहीं वर्ष 2023 में दुनिया में सौर ऊर्जा के उत्पादन में जापान जैसे विकसित देश को पीछे छोड़ते हुए भारत तीसरे स्थान पर रहा।

यह उपलब्धि इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा सकती है कि 2015 में भारत का स्थान नौवां था। ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक गतिविधियों का अध्ययन करने वाले संस्थान एंबर की ताजा रिपोर्ट में उन 80 देशों के उत्पादन का सर्वे किया, जो दुनिया में बिजली की कुल मांग के 92 प्रतिशत हिस्से की पूर्ति करते हैं।

सौर ऊर्जा की बात करें तो इसने वैश्विक ऊर्जा उत्पादन में 5.5 प्रतिशत का योगदान किया है। भारत में यह आंकड़ा 5.8 प्रतिशत रहा है। इस बढ़त से यह दृष्टिगत होता है कि दुनिया के बहुत से देश जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने तथा उत्सर्जन घटाने की दिशा में सक्रिय हैं। 

भारत की इसमें अग्रणी भूमिका है। उत्पादन में जहां भारत बीते साल तीसरे स्थान पर रहा है, वहीं ऊर्जा क्षमता में सौर ऊर्जा के प्रोत्साहन के लिहाज से चौथे स्थान पर आ गया है। स्थापित क्षमता के लिहाज से हम पांचवें पायदान पर हैं। इस सूची में भारत से पहले चीन, अमेरिका और ब्राजील हैं।

केवल इन चार देशों ने 2023 में दुनिया के कुल सौर ऊर्जा उत्पादन में 75 प्रतिशत का योगदान किया है। भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट हरित ऊर्जा उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। गौरतलब है ग्लासगो जलवायु सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य के स्तर पर लाने के भारत के संकल्प को रेखांकित किया था। इस संदर्भ में केंद्र सरकार ने अनेक नीतिगत पहल भी की हैं।

हाल में ही देश में सूर्योदय योजना का प्रारंभ किया गया है जिसमें कम आमदनी के परिवारों को सोलर पैनल लगाने के लिए सहायता दी जाएगी। ऐसी योजनाओं में अतिरिक्त बिजली खरीदने तथा मुफ्त बिजली देने का भी प्रावधान है। सौर ऊर्जा के अलावा पवन ऊर्जा, बायोमास, जल विद्युत संयंत्र, कचरे से ऊर्जा निकालने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। हाइड्रोजन ऊर्जा से भी भविष्य में बड़ी उम्मीदें हैं। कहा जा सकता है कि इन प्रयासों से ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापकता आएगी और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में भी मदद मिलेगी।