सुलतानपुर: आवंटन के बाद भी फुटपाथ पर काबिज हैं पटरी दुकानदार

सुलतानपुर: आवंटन के बाद भी फुटपाथ पर काबिज हैं पटरी दुकानदार

सुलतानपुर, अमृत विचार। शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए वेडिंग जोन बनाया गया है। फुटपाथ के दुकानदार वेंडिंग जोन में जाने के बजाय सड़कों की फुटपाथ पर कब्जा जमाए है। जब नगर पालिका का आभियान चलता है तो दुकानदार वेडिंग जोन में दिखावे के लिए पहुंच जाते हैं। जिसकी वजह से शहर में जाम खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।

शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए गोपालदास पुल के नीचे बनाया गया वेंडिंग जोन खाली पड़ा है। जिन फुटपाथ दुकानों को वेंडिंग जोन में जाना था, उनकी सड़कों पर ठेले लगे हुए हैं। नगर पालिका के तमाम दावों के बावजूद अभी तक वेंडिंग जोन शुरू नहीं हो सका है। प्रशासन ने शहर में जाम की समस्या को देखते हुए फुटपाथ कारोबारियों को वेंडिंग जोन में शिफ्ट कराया था। किंतु यह काम केवल कागजों पर ही हुआ। असल में वहां एक या दो दिन से अधिक दुकानें नहीं लगाई जा सकीं। दिखावे के लिए कुछ दुकानें थोड़ा सामान रख परिजनों को बैठा दे रहे हैं। नतीजा यह हुआ कि गोलाघाट से लखनऊ नाका रेलवे ओवरब्रिज तक सड़क की दोनों पटरियों पर तमाम ठेले लगते हैं। यही स्थिति कोतवाली व तहसील के आसपास की है। मेडिकल कॉलेज के पास सब्जी मंडी सड़क पर चलती है। सड़क चौड़ी होने के बाद भी कोई राहत नहीं है। चौक घंटाघर पर ठेलों के चलते पैदल चलना भी मुश्किल है। इसके अलावा सुपर मार्केट रोड, डाकखाना, शाहगंज चौराहा, बांध मंडी, पंचरास्ता, राहुल तिराहा का भी यही हाल है।

अधिकारियों दावा हो रहा झूठा
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी लालचंद्र सरोज का दावा है कि वेंडिंग जोन में करीब 400 दुकानदारों की व्यवस्था की गई है। उनकी रोज जीपीएस से मॉनिटरिंग की जाती है। वेंडिंग जोन के खाली स्थलों पर भी फुटपाथ दुकानदारों के बैठने की व्यवस्था की गई है। जबकि वहां की तस्वीर साफ बताती है कि नगर पालिका की सारी मॉनिटरिंग और दावे झूठे हैं।

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बिक चुकी हैं शहर की सड़कें और फुटपाथ
शहर की हृदयस्थली कहा जाने वाला चौक तक आने-जाने के लिए अच्छी डबल लेन सड़के और डिवाइडर बने हुए हैं। किंतु यहां पर दो पहिया वाहन लेकर जाना भी मुश्किल है। क्योंकि, फुटपाथ से लेकर सड़के तक बिकी हुई हैं। यहां पटरी, सड़क से लेकर डिवाइडर तक दुकानें लगती हैं। यह दुकानें लगाने वाले बताते हैं कि रोज दुकान लगाने का नकद पैसा देते हैं। यह रकम 100 रुपये प्रतिदिन से लेकर 200 रुपये प्रतिदिन तक है। यह रकम वसूलने वाले वह दुकानदार भी हैं, जिनके सामने दुकानें लगती हैं और इसमें सरकारी तंत्र भी भागीदार है। यही वजह है कि यहां पर कभी अभियान चलता नहीं देखा गया।

वर्जन- 
शहर में लगातार अभियान चलाकर पथ विक्रेताओं से फुटपाथ पर दुकान नहीं लगाने की अपील की जा रही है। कुछ लोगों पर जुर्माना भी लगाया गया है। यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी। जुर्माने के बाद यदि फुटपाथ पर कोई दुकान लगाता मिला तो सामान जब्त होगा।
- लालचंद्र सरोज, ईओ, नगर पालिका परिषद सुलतानपुर

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