हल्द्वानी: कैसे बुझेगी आग, शहर के हाइड्रेंट्स ‘ठंडे’

हल्द्वानी: कैसे बुझेगी आग, शहर के हाइड्रेंट्स ‘ठंडे’

हल्द्वानी, अमृत विचार। जिलाधिकारी के निर्देशानुसार सिटी मजिस्ट्रेट एपी वाजपेयी ने अग्निशमन विभाग की टीम के साथ गुरुवार को शहर में लगे हाइड्रेंट्स का आकस्मिक निरीक्षण किया। इसमें तमाम खामियां मिलीं। हालत यह है कि शहर में आग लगी तो ये हाइड्रेंट्स सिर्फ शोपीस साबित होंगे। 

सिटी मजिस्ट्रेट वाजपेयी ने सिंधी चौक, मंडी परिसर, होली ग्राउंड, जल संस्थान कार्यालय, राजपुरा, गैस गोदाम रोड में लगे हाइड्रेंट्स का जायजा लिया। निरीक्षण में उन्हें कई कमियां मिलीं। मंडी परिसर में 5 हाइड्रेंट्स लगे हैं, इनमें एक हाइड्रेंट में पानी नहीं आ रहा था। प्रेशर नहीं होने की वजह से पानी चढ़ नहीं पा रहा था।

वहीं, कई हाइड्रेंटस में पाइप लगाने वाली हौज घिस चुकी थी। राजपुरा के धोबीघाट में लगा हाइड्रेंट घनी आबादी के बीच में था। संकरी गलियों में दमकल वाहन का हाइड्रेंट तक पहुंचना बेहद मुश्किल है। निरीक्षण में यह भी सामने आया कि शहर में कुल 15 हाइड्रेंटस हैं, इनमें होली ग्राउंड और सौरभ होटल के समीप वाले हाइड्रेंट में पेयजल लाइन से पानी आता है, जबकि बाकी 13 हाइड्रेंट्स में नलकूप से पानी आता है।

यदि नलकूप ठप है तो इनमें पानी नहीं आएगा। ऐसे में यदि कहीं आग लगी और नलकूप चालू नहीं है तो ये हाइड्रेंटस भी शोपीस बन जाएंगे। सिटी मजिस्ट्रेट वाजपेयी ने बताया कि हाइड्रेंट्स के निरीक्षण की रिपोर्ट तैयार कर ली गई है जो जल्द ही जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। 

नलकूप ऑपरेटर्स के नंबर की सूची चस्पा करें 
सिटी मजिस्ट्रेट एपी वाजपेयी ने अग्निशमन विभाग के कॉल सेंटर का भी निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि कॉल सेंटर में नलकूप ऑपरेटर्स के नंबर नहीं हैं,  सिर्फ जल संस्थान के ईई, मंडी निरीक्षक वगैरह के नंबर हैं। उन्होंने कहा कि 15 में से 13 हाइड्रेंट्स नलकूप से पानी लेते हैं, इसलिए जरूरी है कि सभी ऑपरेर्ट्स के नंबर लगाए जाएं। वैसे भी अग्नि की घटना में रिस्पांड समय बेहद महत्वपूर्ण होता है। जब कर्मी सीधे ऑपरेटर को फोन कर नलकूप चालू करवाएंगे तो समय की बचत होगी और जल्द पानी मिलेगा। इसी के साथ ही जब भी कोई दमकल वाहन अग्नि बुझाने को जाए तो सभी ऑपरेटर्स को अलर्ट कर दिया जाए, ताकि वाहन को आसपास के हाइड्रेंटस से भी पानी मिल जाए।

टीपी नगर में लगाया जाएगा हाइड्रेंट
सिटी मजिस्ट्रेट एपी वाजपेयी ने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर में एक भी हाइड्रेंट नहीं है, ऐसे में यदि आग की घटना होती है तो सिंधी चौक, मंडी या फायर स्टेशन से पानी भरना होगा। जबकि टीपी नगर में अग्नि के लिहाज से संवदेनशील वस्तुएं तेल, रबर के टायर वगैरह ज्वलनशील पदार्थ मौजूद रहते हैं। उन्होंने जल संस्थान को टीपी नगर में हाइड्रेंट लगाने के लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए हैं।