Climate Change: लगातार बढ़ रहा पारा, 1.5 डिग्री की अलर्ट लाइन को किया पार, यूरोपीय संस्था कॉपरनिकस की रिपोर्ट में खुलासा 

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Published By Anjali Singh
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नई दिल्ली। यूरोप की मौसम और जलवायु परिवर्तन की जानकारी देने वाली एजेंसी कॉपरनिकस के अनुसार अप्रैल 2025 दुनिया का अब तक का दूसरा सबसे गर्म अप्रैल रहा। साथ ही पिछले 12 महीनों में धरती का औसत तापमान औद्योगिक युग शुरू होने से पहले की तुलना में 1.58 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा है। 

एजेंसी के अनुसार, अप्रैल 2025 में दुनिया का औसत सतही वायु तापमान 14.96 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 1991-2020 के औसत से 0.60 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था। अप्रैल 2025, अप्रैल 2024 से 0.07 डिग्री सेल्सियस ठंडा था, लेकिन 2016 के तीसरे सबसे गर्म अप्रैल से 0.07 डिग्री सेल्सियस गर्म था। 

कॉपरनिकस ने एक बयान में कहा, "अप्रैल 2025 का तापमान 1850-1900 के अनुमानित औसत से 1.51 डिग्री सेल्सियस अधिक था, जिसका इस्तेमाल पूर्व-औद्योगिक स्तर को परिभाषित करने के लिए किया जाता था। पिछले 22 महीनों में यह 21वां महीना था, जब वैश्विक-औसत सतही वायु तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक था।" 

उसने कहा कि मई 2024 से अप्रैल 2025 तक की 12 महीने की अवधि के दौरान तापमान 1991-2020 के औसत से 0.70 डिग्री सेल्सियस अधिक और पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.58 डिग्री सेल्सियस अधिक था। 

कॉपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा की उप निदेशक सामंथा बर्गेस ने बताया कि अप्रैल 2025 अब तक का दूसरा सबसे गर्म अप्रैल रहा। यह उन महीनों की लंबी श्रृंखला का हिस्सा है, जिनमें तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहा है, जो जलवायु में हो रहे बड़े बदलावों की ओर इशारा करता है। 

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