तुर्किये का विरोध जारी, अब एशिया की सबसे बड़ी फल मंडी का एलान, नहीं होगा पाक के भाईजान से कोई भी व्यापार
नई दिल्ली। आजादपुर मंडी के व्यापारियों ने मौजूदा कूटनीतिक हालात को देखते हुए तुर्किये से सेब का आयात बंद करने का निर्णय लिया है। आजादपुर मंडी एशिया की सबसे बड़ी फल और सब्जी मंडी है। आजादपुर फल मंडी के अध्यक्ष मीठा राम कृपलानी ने कहा, 'हमने तुर्किये से सेब का आयात बंद करने का फैसला लिया है। पहले से ऑर्डर किए गए कंटेनर तो आएंगे, लेकिन अब आगे सेब या तुर्किये के अन्य उत्पादों का कोई व्यापार नहीं किया जाएगा।'
कृपलानी ने कहा कि यह निर्णय वर्तमान परिस्थितियों की सावधानीपूर्वक समीक्षा के बाद लिया गया है और भविष्य में कोई नया ऑर्डर नहीं दिया जाएगा। कृपलानी के अनुसार, आजादपुर मंडी ने लंबे समय से तुर्किये के सेब को प्राथमिकता दी है, जिसका आयात वर्ष 2024 में 1.16 लाख टन तक पहुंच गया था।
हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत के प्रति तुर्किये के हालिया रुख ने निराशा पैदा की है। कृपलानी ने कहा, “हमने वर्षों तक तुर्किये से व्यापार का समर्थन किया है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में हमारे पास कोई और विकल्प नहीं है।” उन्होंने बताया कि यह कदम मंडी की खरीद नीति में एक अहम बदलाव है और आगामी महीनों में सेब के लिए वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं की तलाश की जाएगी।
दिल्ली के विभिन्न व्यापार संघों ने भी तुर्किये से आयात और उसके उत्पादों की मार्केटिंग पर रोक लगाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किए हैं। दिल्ली व्यापार संघों के अनुसार, “तुर्किये का भारत को लेकर हालिया राजनीतिक रुख अस्वीकार्य है और इससे राष्ट्रीय भावनाओं को ठेस पहुंची है।
बता दें कि भारत पाक संघर्ष में तुर्किये के ड्रोन थे जिसने भारतीय सीमा पर हमले की नाकाम कोशिश की थी और भारत की ओर से इसका मुहतोड़ जवाब भी दिया गया था। इस दौरान तुर्किये ने ये साफ़ कर दिया था कि वह सीधे तौर पर पाकिस्तान का साथ देगा। संघर्ष समाप्त होने पर अब भारत के लोगों में इसका गुस्सा अब देखने को मिल रहा है। भारत में कई जगहों पर तुर्किये और उसके सामानो का विरोध हो रहा है कई लोगों ने तो तुर्किये का ट्रिप भी कैंसिल कर दिया है। बता दें कि इस पहले जब तुर्किये में भूकंप आया था तब भारत ही वह पहला देश था जिसने तुर्किये की मदद को हाथ आगे बढ़ाया था।
