केंद्र सरकार राजनीतिक प्रतिशोध के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को बना रही निशाना : खरगे
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ चल रही कानूनी कार्यवाही को सुनियोजित 'राजनीतिक प्रतिशोध' करार दिया। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने एक महत्वपूर्ण अदालती फैसले के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि गांधी परिवार के सामने जो कानूनी चुनौतियां पेश की जा रही हैं, उनमें कोई दम नहीं है और वे विशेष रूप से राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने के लिए बनाई गई हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने मंगलवार को नेशनल हेराल्ड मामले में वरिष्ठ नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी एवं पांच अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के धन शोधन के आरोपों पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था।
खरगे ने इस बात पर जोर दिया कि कार्यवाही के शुरुआती चरणों में प्राथमिकी का न होना यह साबित करता है कि आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है। श्री खरगे ने कहा, "वे (केन्द्र सरकार) यह सब राजनीतिक प्रतिशोध के लिए कर रही है। यह केस सिर्फ गांधी परिवार को परेशान करने के लिए है। इस मामले में कोई प्राथमिकी नहीं है। हमारा नारा 'सत्यमेव जयते' है और हम इस मामले में आए फैसले का स्वागत करते हैं।"
कांग्रेस अध्यक्ष की यह टिप्पणी पार्टी के शीर्ष नेताओं से जुड़े लंबे समय से चल रहे एक कानूनी विवाद के बीच आई है। हालांकि इस विशिष्ट फैसले ने पार्टी को राहत या दी है, लेकिन श्री खरगे ने तुरंत इसे व्यापक संदर्भ से जोड़ते हुए कहा कि सत्ता पक्ष विपक्षी दलों को दबाने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहा है। यह मामला पिछले कई वर्षों से भारतीय राजनीति में विवाद का केंद्र रहा है। यह कांग्रेस से जुड़ी संस्थाओं में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों पर आधारित है। जहां सरकार और जांच एजेंसियां यह कहती रही हैं कि वे केवल कानून के शासन का पालन कर रही हैं, वहीं कांग्रेस पार्टी लगातार इस जांच को 'प्रक्रियात्मक अत्याचार' बताती रही है।
कांग्रेस नेताओं ने अक्सर इस बात की ओर इशारा किया है कि ईडी ने औपचारिक प्राथमिकी के बजाय निजी शिकायतों के आधार पर जांच शुरू की थी। पार्टी का आरोप है कि समन और अदालती कार्यवाही का समय अक्सर बड़े चुनावों या संसदीय सत्रों के साथ मेल खाता है। श्री खरगे के कड़े रुख से संकेत मिलता है कि पार्टी इन कानूनी बाधाओं को 'सत्य और न्याय' के लिए एक जन-आंदोलन बनाने की रणनीति पर काम कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने 'सत्यमेव जयते' का आह्वान करते हुए इस कानूनी जीत और पार्टी के व्यापक संघर्ष को सरकारी शक्ति के दुरुपयोग के खिलाफ एक नैतिक लड़ाई के रूप में पेश करने की कोशिश की।
