Los Angeles Protests: विरोध प्रदर्शन के बीच 700 मरीन तैनात, लॉस एंजिल्स में बढ़ रहा तनाव
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लॉस एंजिल्स। अमेरिका की सेना ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की आव्रजन नीतियों के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के बीच कैलिफोर्निया प्रांत के लॉस एंजिल्स शहर में 700 मरीन (समुद्री सेना) तैनात किये गये हैं। अमेरिकी उत्तरी कमान ने एक बयान में कहा, “लॉस एंजिल्स में तैनात मरीन दूसरी बटालियन, सातवीं मरीन, एक मरीन डिवीजन के 700 मरीन तैनात किये गये हैं, जिसका उद्देश्य टास्क फोर्स 51 को पर्याप्त संख्या में बल प्रदान करना है, ताकि संघीय एजेंसी को मदद मिले।”
गौरतलब है कि हिंसा सात जून को तब भड़की जब लॉस एंजिल्स में अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) सेवा की ओर से अवैध प्रवासियों के खिलाफ छापेमारी की गयी, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुई।
इसी बीच प्रांत के लिए संघीय फंड में कटौती की रिपोर्ट भी सामने आयीं। विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर अगले दिन व्हाइट हाउस ने शहर में दो हजार नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती का एलान किया। लॉस एंजिल्स काउंटी के अधिकारियों ने बाद में कहा कि उन्होंने नेशनल गार्ड की तैनाती की मांग नहीं की थी और यह फैसला बिना उनकी सलाह के लिया गया। यह मुद्दा रिपब्लिकन व्हाइट हाउस और प्रांत की डेमोक्रेटिक सरकार के बीच टकराव का कारण बन गया।
पेंटागन ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब कैलिफोर्निया ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर ‘नेशनल गार्ड’ के जवानों के इस्तेमाल को लेकर मुकदमा चलाने की तैयारी कर ली है। वहीं प्रदर्शनकारी चौथे दिन भी सड़कों पर हैं। आमतौर पर नौसैनिक और नेशनल गार्ड के जवानों से कानून प्रवर्तन कर्तव्यों का पालन करने की अपेक्षा नहीं की जाती है क्योंकि यह ‘पॉसे कॉमिटेटस अधिनियम’ के तहत निषिद्ध है।
वहीं, ट्रंप ने विद्रोह अधिनियम लागू करके उन्हें कानून प्रवर्तन का काम करने की अनुमति भी नहीं दी है। ऐसे में इस तैनाती को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। लॉस एंजिलिस के पुलिस प्रमुख जिम मैकडोनेल ने सोमवार दोपहर एक बयान में कहा कि उन्हें पुलिस विभाग की बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों से निपटने की क्षमता पर पूरा भरोसा है लेकिन पुलिस विभाग के साथ समन्वय किए बिना नौसैनिकों का आगमन ‘‘परिचालन और अभियानगत चुनौती’’ पेश करता है।
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